विकास खंड नौगढ़ का हाल, DPRO की नोटिस जारी करने के पीछे क्या होता है खेल
ग्राम पंचायतों को नोटिस पर नोटिस
कार्रवाई किसी पर भी नहीं
जिला पंचायत राज अधिकारी का कार्यालय से आता है नोटिस
चंदौली जिले के विकास खंड नौगढ़ में पंचायत सचिवो को कार्रवाई के नाम पर अधिकारियों के द्वारा भयादोहन किया जा रहा है। जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय इन दिनों नोटिस कार्यालय बनता जा रहा है। नोटिस जारी करने के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच जाता है तथा वो DPRO साहब कार्यालय में जाकर वह अपने स्तर से डीलिंग करना शुरू कर देते हैं।
आपको बता दें कि जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय से हर दिन पांच से छह नोटिस ग्राम पंचायतों या पंचायत सचिव को जारी किए जा रहे हैं। यह सिलसिला कई साल से चल रहा है। लेकिन आज तक एक भी नोटिस पर कार्रवाई नहीं हुई। केवल कार्रवाई की धौस दी जाती है।
विकास खंड नौगढ़ में 43 ग्राम पंचायतें हैं। इन ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के संचालन का जिम्मा ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव पर होता है। अगर कहीं कोई गड़बड़ी सामने आती है तो ग्राम पंचायत या पंचायत सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाता है। जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाती है। कई मामलों में जहां जवाब के बाद मामला खत्म हो जाता है तो कई में कार्रवाई की जाती है। जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय से पंचायत सचिवों को तमाम नोटिस जारी हुए हैं।
बताया जा रहा है कि पंचायत सचिव को नोटिस अलग-अलग कारण बताकर जारी किए जा रहे हैं। किसी में ग्राम पंचायत में विकास कार्यों पर गलत तरीके से धनराशि खर्च करने का नोटिस जारी किया जाता है, तो किसी को सामुदायिक शौचालय और पंचायत भवन संचालन में लापरवाही या फिर शौचालय निर्माण कार्य का फर्जी भुगतान करने के लिए नोटिस जारी होता है। एक सैकड़ा से अधिक नोटिस जिला पंचायत राज अधिकारी ब्रह्मचारी दुबे द्वारा जारी किए जा चुके हैं। आज तक किसी भी नोटिस के मामले में डीपीआरओ ने कार्रवाई नहीं की। आखिर ऐसा कैसे हो सकता है कि इतने बड़े पैमाने पर पर नोटिस जारी हुए और किसी भी मामले में कोई दोषी ही नहीं था। अगर सब ठीक ही थी तो डीपीआरओ ने नोटिस ही जारी क्यों किया। पूरे पंचायत राज विभाग और विकास भवन में इसकी चर्चाएं हैं।
डीएम और सीडीओ को नहीं जाती प्रतिलिपि
जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय से जारी होने वाले अधिकांश नोटिस सीधे ही भेजे जाते हैं। जिलाधिकारी या मुख्य विकास अधिकारी को उनकी प्रतिलिपि भी नहीं भेजी जाती है। आखिर उच्चाधिकारियों को प्रतिलिपि न भेजे जाने कारण साफ है कि उन्हें अंधेरे में रखा जा रहा है। आखिर इस तरह की कार्यवाही के पीछे जिला पंचायती राज विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की क्या मंशा रहती है।
ADO पंचायत प्रेमचंद बोले
जो भी नोटिस भेजे जाते हैं वे ग्राम पंचायत में कमियां या नियम के विपरीत कोई कार्य करने के लिए भेजे जाते हैं। अगर जरूरी होगा तो कार्रवाई भी की जाएगी। इसमें इरादतन नोटिस जारी करने जैसी कोई बात नहीं है। नोटिस का जवाब मिल जाता है तो कार्यवाही नहीं होती है।
DM साहब बोले
वहीं इस मामले पर चंदौली समाचार के प्रतिनिधि के साथ बातचीत के दौरान जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने कहा कि
अगर ग्राम पंचायत और पंचायत सचिवों को अनायास नोटिस जारी किए जा रहे हैं, तो इसकी जानकारी की जाएगी। सरकारी विभाग में जो भी कार्य होगा नियमानुसार ही होगा। इस बारे में वह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि आखिर ऐसा क्यों किया जा रहा है।
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