DPRO कर रहे हैं पंचायत भवनों को चमकाने का दावा, ग्राम पंचायतें होंगी सुविधाओं से लैस

पंचायत भवनों को अपडेट कर बनाया जा रहा सचिवालय
अत्याधुनिक उपकरणों से लैस सचिवालयों में होंगी कंप्यूटर
इंटरनेट के साथ कई व्यवस्थाएं
चंदौली जिले में ग्रामीणों को शहर और तहसीलों की राह नहीं पकड़नी पड़े। इसके लिए ग्राम पंचायतों में ही जनसुविधा केंद्र की तरह सुविधा उपलब्ध कराने को ग्राम पंचायत भवनों को अपडेट कर सचिवालय बनाया जा रहा है। लेकिन जिले में 66 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन ही नहीं बना है। इससे इन ग्राम पंचायतों में किराए के भवन में सचिवालय बनाकर काम चलाया जा रहा है। इससे इन ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों को सुविधा नहीं मिल पाती है। जहां पंचायत भवन बने भी हैं तो यहां भी सुविधाओं का अभाव है। इससे ग्रामीण आय, जाति, निवास, दिव्यांग प्रमाण पत्र सहित अन्य अभिलेखों के लिए ग्रामीण एवं लाभार्थी तहसीलों का चक्कर काटने को विवश रहते हैं। इससे ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

प्रदेश सरकार सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए सभी ग्राम पंचायतों के पंचायत भवन को ग्राम सचिवालय बना रही है। अत्याधुनिक उपकरणों से लैस सचिवालयों में कंप्यूटर, इंटरनेट आदि अन्य व्यवस्थाएं रहेंगी। ताकि ग्रामीणों को गांव में ही पेंशन, आय, जाति, निवास, दिव्यांग प्रमाण पत्र सहित अन्य सुविधाओं का लाभा मिल सके। साथ ही सचिवालयों में बैंकिंग सेवा एवं जनसुविधा केंद्र की व्यवस्था मिल सके। बैंकिंग की सेवा देने के लिए इसमें वीसी सखियों के भी बैठने की व्यवस्था की गई है।

जिले में नौ विकास खंड हैं। इन विकास खंडों में कुल 734 ग्राम पंचायतें हैं। इसमें 668 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन निर्मित किया गया है। वहीं 66 ग्राम पंचायतों में पंचागत भवन ही नहीं बन पाया है। इसमें 50 ग्राम पंचायतों में पंचायत अधूरा है। इसका निर्माण कार्य किया जा रहा है। वहीं 10 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन को लेकर विवाद है। इसका मामला कोर्ट में विचाराधीन है जबकि 6 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं। जिनमें जमीन के अभाव में आज तक पंचायत भवन नहीं बन पाया है। फिलहाल शासन के मंशा के अनुसार सभी ग्राम पंचायतों में सचिवालय बनाकर ग्रामीणों से सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है।
मिनी सचिवालय न होने से होती है दिक्कत
विकास खंड सकलडीहा के ईटवां और सरेहुआ कला में मिनी पंबायत भवन का निर्माण कार्य अभी भी नहीं हो पाया है। जिसके कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है। कई बार प्रधान और सचिव की और से प्रयास किये जाने के बाद भी भूमि का सीमांकन तक नहीं हो पाया है। जबकि ग्राम सभा की ओर से मिनी सचिवालय बनाने के लिये प्रस्ताव बनाकर भेजा भी गया है।
इस सम्बंध में जिला पंचायत राज अधिकारी नीरज सिन्हा ने बताया कि शासन के मंशा के अनुसार जिले के सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय क्रियाशील हैं। जिन ग्राम पंचायतों में खुद का पंचायत भवन नहीं हैं। वहां किराए पर कमरा लेकर संचालित किया जा रहा है। यदि कहीं इंटरनेट, बिजली आदि की समस्या आ रही है तो उसका समाधान भी कराया जा रहा है।
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