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न जाने कब वनांचल के 50 हजार लोगों को गर्मी में मिलेगा शुद्ध पेयजल, 250 करोड़ की योजना से दूर होगा जल संकट

भैसोढ़ा बांध के पानी को शुद्ध कर टंकियों तक पहुंचाने के लिए वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) बनाने का काम करीब 80 फीसदी पूरा हो गया है।
 

250 करोड़ की परियोजना से मिलेगा 86 गांवों को शुद्ध पानी

भैसोढ़ा बांध के पानी को शुद्ध कर घर-घर पहुंचाने की योजना

अमृत योजना के तहत 80% काम पूरा होने के बाद भी तीन साल से रुका है योजना

चंदौली जिले के वनांचल के 50 हजार लोगों को इस बार गर्मी में शुद्ध पानी पीने को मिल सकता है। पानी के संकट से जूझ रहे वनांचल के लोगों के लिए वर्ष 2022 में शुरू हुई 250 करोड़ रुपये की पेयजल परियोजना का 80 फीसदी काम पूरा हो गया है।

हालांकि 80 फीसदी का काम होने के बाद भी वन विभाग द्वारा जमीन न देने से तीन साल से रुका हुआ है। जबकि 2024 में ही काम पूरा होना था। अब डीएम निखिल टीकाराम फुंडे द्वारा इस मामले को लेकर जल्दी ही बैठक होने वाली है। इससे समस्या का समाधान निकलने की उम्मीद है।

अमृत योजना के फेस-टू के तहत 250 करोड़ रुपये की कार्ययोजना के तहत नौगढ़ इलाके में पेयजल समस्या का समाधान करने के लिए विभिन्न गांवों में अलग-अलग क्षमता की नौ टंकियों का निर्माण कराया जा रहा है। भैसोढ़ा बांध के पानी को शुद्ध कर टंकियों तक पहुंचाने के लिए वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) बनाने का काम करीब 80 फीसदी पूरा हो गया है। यहां से 86 गांवों के 12301 घरों के करीब 50 हजार लोगों तक 115 एमएलडी पानी प्रतिदिन पहुंचाया जाएगा।

इसके तहत कार्यदायी संस्था सोनवार गांव में पांच-पांच सौ किलोलीटर, नौगढ़ और मझगाई में 350-350 किलोलीटर, आमधा चरनपुर में 300 किलोलीटर, शमशेरपुर में 250 किलोलीटर, भैसोढ़ा में 175 किलोलीटर क्षमता के पानी की टंकियों का निर्माण करा रही है। इसी तरह से गहिला में 100 किलोलीटर, चिकनी गांव में 75 किलोलीटर क्षमता की पानी की टंकियों का निर्माण कराया जा रहा है।

चुआड़ के पानी से प्यास बुझाते हैं लोग

नौगढ़ के वनक्षेत्र के ग्रामीण वर्षों से पानी के प्राकृतिक संसाधनों पर आश्रित हैं। गांवों से दूर पहाड़ों पर बने झरनों से पानी लाकर प्यास बुझाना उनकी नियति बन चुकी है। गर्मी के दिनों में झरनों का पानी सूख जाने पर पहाड़ों के बीच बने दरों के चुआड़ से पानी लाने के अलावा उनके पास कोई रास्ता नहीं बचता है। पेयजल परियोजना पूरी हो जाने पर उन्हें इस समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।

बिछाई गई है 450 किमी पाइपलाइन

वनक्षेत्र में भूमिगत पाइप लाइन बिछाने के लिए कार्यदायी संस्था को वन विभाग की अनुमति का इंतजार है। हालांकि अभी तक 900 किमी में से 450 किमी पाइपलाइन डाली जा चुकी है और बाकी में पाइपलाइन बिछाने का काम चल रहा है। करीब 450 किमी वनक्षेत्र में होने के कारण इतनी दूरी में पाइपलाइन बिछाने के लिए वन विभाग की अनुमति जरूरी है। अनुमति के लिए डीएम की ओर से भी प्रयास किया जा रहा है। जल्दी ही डीएम की अध्यक्षता में जल निगम, वन विभाग और कार्यदायी संस्था के अधिकारियों की बैठक होने वाली है। जिसमें समस्या का समाधान निकाला जाएगा।

इस संबंध में जल निगम (ग्रामीण) के सहायक अभियंता सीताराम यादव ने बताया कि नौगढ़ में पेयजल परियोजना पूरी करने के लिए वन विभाग की जमीन की आवश्यकता है। इसके लिए कई बार वन विभाग को पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है। डीएम की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा। गर्मी शुरू होने के पहले घरों में पानी पहुंचने लगेगा।

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