DSP आशुतोष के विदाई समारोह में पुलिसकर्मियों में उमड़ा स्नेह, ऐसे दी गयी भावभीनी विदाई
तबादले के बाद स्मृति चिन्ह भेंट कर दी गईं शुभकामनाएं
अधिकारियों-कर्मचारियों ने जिले में सेवा के लिए जताया सम्मान
आशुतोष बोले- हमेशा याद रहेगी चंदौली से मिली विदाई
चंदौली जिले में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) आशुतोष के विदाई एवं सम्मान समारोह में एक भावनात्मक दृश्य देखने को मिला। शिविर पुलिस लाइन चंदौली के नवीन सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में जब पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे, अपर पुलिस अधीक्षक सदर व ऑपरेशन सहित समस्त क्षेत्राधिकारीगण, थाना प्रभारियों और अन्य पुलिसकर्मियों ने उन्हें विदाई दी, तो पूरा वातावरण स्नेह, सम्मान और आत्मीयता से भर गया।

समारोह की शुरुआत डीएसपी आशुतोष को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनके सेवा काल की सराहना से हुई। समस्त पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने उनके प्रति आभार प्रकट करते हुए नए जीवन पड़ाव के लिए शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे ने कहा कि आशुतोष जी ने अपने कार्यकाल में अनुशासन, नेतृत्व और जनसेवा का जो उदाहरण पेश किया है, वह हम सभी के लिए प्रेरणास्पद रहेगा।

सेवा की पूंजी: सहयोग और विश्वास
समारोह में डीएसपी आशुतोष ने खुद को मिले स्नेह, सहयोग और विश्वास के लिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल के दौरान मुझे जनपदवासियों से जो स्नेह और पुलिस परिवार से जो समर्थन मिला, वह मेरे जीवन की सबसे अमूल्य पूंजी है। यह विदाई नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत की प्रेरणा है।
उनकी यह भावुक प्रतिक्रिया न केवल मंच पर मौजूद पुलिसकर्मियों को, बल्कि पूरे पुलिस परिवार को भी भाव-विभोर कर गई। कई पुलिसकर्मियों ने निजी अनुभव साझा करते हुए बताया कि आशुतोष जी ने संकट की घड़ी में जिस नेतृत्व और संवेदनशीलता से काम किया, वह प्रशंसनीय है।

गरिमामयी उपस्थिति और स्मृति-चिन्ह
समारोह में पुलिस अधीक्षक चंदौली के अलावा अपर पुलिस अधीक्षक (सदर व ऑपरेशन), समस्त क्षेत्राधिकारीगण, थाना व शाखा प्रभारी, प्रतिसार निरीक्षक, पीआरओ पुलिस अधीक्षक, वाचक पुलिस अधीक्षक सहित बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
सभी ने डीएसपी को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनके भविष्य की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।
एक सेवाभावी अधिकारी की यादगार विदाई
आशुतोष, डीएसपी के रूप में न केवल प्रशासनिक जिम्मेदारियों का निर्वहन किया, बल्कि उन्होंने जनता से जुड़ाव, पारदर्शिता और पुलिसिंग में मानवीय दृष्टिकोण को भी प्राथमिकता दी। यही कारण है कि उनकी विदाई को पुलिस महकमे में सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक यादगार क्षण के रूप में देखा जा रहा है।
डीएसपी आशुतोष की विदाई सिर्फ एक अधिकारी की विदाई नहीं, बल्कि एक ऐसे नेता, मार्गदर्शक और जनसेवक को सम्मानित करने का क्षण थी, जिन्होंने पुलिस विभाग को सेवा, सक्षमता और समर्पण से नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। पुलिस परिवार के लिए यह विदाई समारोह न केवल यादगार रहा, बल्कि उनके आदर्शों को आत्मसात करने का संदेश भी छोड़ गया।
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