पूर्वांचल में मतदाता सूची पर बड़ा सवाल: वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर और चंदौली के ब्लॉकों में सर्वाधिक डुप्लीकेट मतदाता
चंदौली के सकलडीहा सहित पूर्वांचल के ब्लॉकों में सर्वाधिक डुप्लीकेट वोटर
आयोग की रिपोर्ट ने खोली गड़बड़ी की परतें
50 लाख नाम हटाने की होगी तैयारी
उत्तर प्रदेश की मतदाता सूचियों में बड़े पैमाने पर फर्जी और डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम होने का खुलासा हुआ है। वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, और चंदौली जैसे पूर्वांचल के ब्लॉकों में सर्वाधिक डुप्लीकेट मतदाता मिले हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने माना है कि इन दोषपूर्ण सूचियों को सुधारने के लिए एक बड़े अभियान की जरूरत है।
यह गड़बड़ी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतदाता सूचियों में पाई गई है। आयोग के उच्च पदस्थ सूत्रों का मानना है कि यदि ईमानदारी से जांच की जाए तो प्रदेशभर में करीब 50 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जा सकते हैं।
चंदौली और पड़ोसी जिलों की स्थिति गंभीर
डुप्लीकेट मतदाताओं की संख्या इतनी अधिक है कि कई ब्लॉकों की मतदाता सूची शक के दायरे में आ गई है।
सर्वाधिक डुप्लीकेट मतदाता पीलीभीत के पूरनपुर ब्लॉक में मिले हैं, जहां 97,027 मतदाताओं के नाम दो से तीन बार हैं।
पड़ोसी जिले गाजीपुर के सैदपुर में 71,170 डुप्लीकेट नाम दर्ज हैं।
वाराणसी के पिंडरा ब्लॉक में 70,940 और आराजीलाइंस ब्लॉक में 77,947 मतदाताओं के नाम दो से तीन बार दर्ज हैं।
चंदौली जिले के सकलडीहा ब्लॉक में भी डुप्लीकेट मतदाताओं की संख्या 54,070 पाई गई है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने डुप्लीकेट मतदाता उन्हें माना है, जिनका नाम, पिता का नाम और लिंग (जेंडर) समान है।
जांच के लिए विशेष अभियान की जरूरत
प्रदेश के कुल 826 विकास खंडों (ब्लॉक) में से 108 ऐसे हैं, जहां डुप्लीकेट मतदाताओं की संख्या 40 हजार से भी अधिक है। आयोग के अधिकारियों का कहना है कि इन सूचियों को दुरुस्त करने के लिए गहन पुनरीक्षण (SIR) जैसा बड़ा अभियान चलाना होगा। आयोग ने दो महीने पहले ही ब्लॉकवार चिह्नित डुप्लीकेट मतदाताओं की सूची जिलों को भेज दी थी।
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