तालाबों और जलाशयों को निगल रहा है अतिक्रमण, नहीं चलता इमानदारी से अभियान
सिर्फ बैठकों और कागजों तक सिमटा है अभियान
अधिकांश ग्राम प्रधान नहीं लेते दिलचस्पी
वोटबैंक की राजनीति आती है आड़े
आपको बता दें कि उच्च न्यायालय ने तालाबों व पोखरों के साथ ही सरकारी व सार्वजनिक भूमि से अतिक्रमण हटाने का निर्देश जारी किया हुआ है। वहीं आला अफसर भी हर बार बैठकों में संबंधित अधिकारियों को ऐसे जगहों से अतिक्रमण हटाने का आदेश देते रहते हैं। लेकिन यह सिर्फ हवा-हवाई ही साबित होता है। अधिकारी बैठकों से निकलते ही आदेश को दरकिनार कर देते हैं। इससे तालाबों व अन्य जगहों से अतिक्रमण नहीं हट पाता है।
बताते चलें कि यह जरूर है कि प्रशासन हरकत में आता है तो कुछ जगहों से अधिकारी अभियान चलाकर जगहों से अतिक्रमण हटाकर औपचारिकता पूर्ण कर लेते हैं। इस कारण अधिकांश तालाब व पोखरे अतिक्रमण के अब भी शिकार हैं। इससे कई ऐसे तालाब हैं, जो अपना अस्तित्व खोते जा रहे हैं।
इसमें सदर नगर पंचायत में स्थित सड़सा बाबा का तालाब भी है। वर्तमान समय में इस तालाब का अस्तित्व मिटता जा रहा है। कभी यह तालाब अच्छे-खासे क्षेत्रफल में हुआ करता था। इसमें लोग नहाने के साथ ही गाय और घोड़ों को पानी पिलाया करते थे। लेकिन इस समय अतिक्रमण व कूड़ा करकट से तालाब पटता जा रहा है। बावजूद इसपर नगर पंचायत प्रशासन की निगाह नहीं पड़ रही है। जबकि तालाब के सुंदरीकरण को लेकर कई बार नगर पंचायत प्रशासन के साथ ही जिला प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है। लेकिन इसपर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है।
बता दें कि शासन से धनराशि मिलने के बाद तालाब का सुंदरीकरण कराने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया जाता है। इसके अलावा नगर पंचायत के पास स्थित तालाब सहित मुख्यालय पर करीब आधा दर्जन तालाब अस्तित्व खोते जा रहे है। इसके चलते पशु-पक्षियों को पेयजल के लिए भटकना पड़ता है।
इस संबंध में सदर नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि नगर में स्थित सड़सा बाबा तालाब के सुंदरीकरण कराने को लेकर प्रशासन को प्रस्ताव कई बार भेजा गया है। लेकिन बजट के अभाव में सुंदरीकरण का कार्य नहीं हो पाता है। बजट मिलते ही सड़सा बाबा तालाब सहित अन्य जलाशयों का सुंदरीकरण का कार्य किया जाएगा।
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