मुटुन यादव की हत्या के बाद अखिलेश यादव की पोस्ट, 'सत्ता-सजातीय' और पुलिस का गठजोड़ कर रहा है हत्याएं

गैंगस्टर राजकुमार यादव गैंगस्टर राजकुमार यादव की हत्या का मामला
हत्यारे अभी भी पुलिस की पकड़ से काफी दूर
अखिलेश बोले-जनता को यूं माफियों की गोलियां खाने के लिए ना छोड़े
चंदौली जनपद में गैंगस्टर राजकुमार यादव उर्फ मुटुन यादव की हत्या को लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चंदौली पुलिस पर सवाल उठाएं हैं और सोशल मीडिया पोस्ट करके योगी सरकार को घेरने की कोशिश की है। गुरुवार को हुई हत्या के बाद पूरे जनपद में समाजवादी पार्टी के नेता पुलिस प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं रविवार को अखिलेश यादव ने इस मामले में अपनी सक्रियता दिखाई और सोशल मीडिया पोस्ट में सरकार पर सवाल उठाया है।

आपको बता दें कि धानापुर क्षेत्र के रहने वाले गैंगस्टर मुटुन यादव की कुछ दिन पूर्व अज्ञात बदमाशों ने दिनदहाड़े धानापुरा कस्बे में दर्जनों गोलियां मार के हत्या कर दी थी। हत्या के कई दिन बीत जाने के बाद अभी भी अपराधी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। वहीं समाजवादी पार्टी के द्वारा इस मामले पर चंदौली पुलिस तथा सरकार को घेरने की कोशिश की गई है और इसको लेकर जिले में राजनीतिक सरगर्मी भी तेज है।

उप्र में ‘सत्ता सजातीय’ और पुलिस का गठजोड़ साज़िश रचकर ‘जाति’ देखकर हत्या करवा रहा है। इसके लिए किसी को मिली सुरक्षा हटाने तक का षड्यंत्र किया जा रहा है। सत्ताधारियों को लग रहा है कि जब उनकी सरकार है तब न तो कोई जाँच होगी और न ही कोई पकड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री ये क्यों नहीं स्वीकार… pic.twitter.com/QghXMgtyMN
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 4, 2025
राजकुमार उर्फ मुटुन यादव की हत्या के बाद परिवार के लोगों ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था और धानापुर पुलिस थाना प्रभारी के को हटाए जाने की मांग की थी। इस पर पुलिस अधीक्षक में मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल धानापुर के थाना प्रभारी महेश सिंह को हटा दिया था। हालांकि थाने का चार्ज अभी किसी और को नहीं दिया गया है, वहां पर मौजूद वरिष्ठ उप निरीक्षक मामले को संभालने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
आपको बता दें कि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन पर मुटुन यादव के परिवार की सुरक्षा हटाने को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह, समाजवादी पार्टी के सकलडीहा विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव, समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद रामकिशुन यादव तथा पार्टी के प्रवक्ता मनोज सिंह काका ने पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाया था और कहा कि ऐसी हत्याओं के मामले के लिए पुलिस दोषी है। सुरक्षा हटाकर पुलिस ने इस मामले में पूरी तरह से लापरवाही बरती है। अब इस मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल करते हुए अपने सोशल मीडिया हैंडल पर सरकार के खिलाफ लंबी चौड़ी पोस्ट लिखी है।
अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में लिखा कि उत्तर प्रदेश में 'सत्ता-सजातीय' और पुलिस का गठजोड़ साजिश रचकर 'जाति' देखकर हत्या करवा रहा है। इसके लिए किसी को मिली सुरक्षा हटाने तक का षड्यंत्र किया जा रहा है। सत्ताधारियों को लग रहा है कि जब उनकी सरकार है तब ना तो कोई जांच होगी और ना ही कोई पकड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री यह क्यों नहीं स्वीकार कर लेते हैं कि उत्तर प्रदेश की बागडोर अपराधियों के हाथ में चली गई है? ऐसे शासन से अच्छी तो अराजकता होती है। जहां जनता सरकार के भरोसे तो नहीं होती है। सीसीटीवी के सबूत के बावजूद भी जब अपराधी पकड़ा नहीं जा रहा है तो फिर न्याय के नाम पर उत्तर प्रदेश में बचा क्या। उत्तर प्रदेश की इंद्रिय शून्य सरकार को छोड़कर सबको मालूम है कि हत्यारा कौन है। उत्तर प्रदेश की जनता इतनी असुरक्षित कभी न थी।
न्यायालय स्वत: संज्ञान लेते हुए तुरंत कार्रवाई करें, यही हमारी पुरजोर मांग है। हत्यारे संलिप्त पुलिस और भाजपाई माफिया कोई बचना नहीं चाहिए। अगर शासन ने कुछ नहीं किया तो वह भी इस अपराध में भागीदार माना जाएगा और सबसे कमजोर हताश और लाचार शासन भी। जिसका इकबाल नहीं, वह सरकार नहीं।
अखिलेश यादव ने आगे लिखा कि मुख्यमंत्री जी लखनऊ की जगह चंदौली को राजधानी घोषित कर दें और जहां जाना हो चले जाएं लेकिन उत्तर प्रदेश की जनता को यूं माफियों की गोलियां खाने के लिए ना छोड़े। घोर निंदनीय व दंडनीय हत्याकांड। उत्तर प्रदेश में महा अन्यायराज का दौर चल रहा है।
अब देखना है कि भाजपा के लोग इसका क्या जवाब देते हैं।
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