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फर्जी तरीके से आवास देने वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई, रिकवरी का आदेश

चंदौली जिले के सदर ब्लाक के रघुनाथपुर गांव के निवासी अखिलेश शर्मा ने परियोजना निदेशक बीबी सिंह के यहां पहुंचकर प्रार्थना पत्र देकर पति-पत्नी के बीच संबंध खराब करते हुए सरकारी धन के बंदरबांट करने का आरोप लगाया है।

 

कमीशन व बजट खपाने के लिए विकलांग को मायके में दिया आवास

तीसरी किश्त के दौरान खुली पोल खुली

तलाकशुदा बताकर दिया गया था आवास

 पति ने अधिकारियों से की फर्जीवाड़े की शिकायत

 

चंदौली जिले के सदर ब्लाक के रघुनाथपुर गांव के निवासी अखिलेश शर्मा ने परियोजना निदेशक बीबी सिंह के यहां पहुंचकर प्रार्थना पत्र देकर पति-पत्नी के बीच संबंध खराब करते हुए सरकारी धन के बंदरबांट करने का आरोप लगाया है।

आपको बता दें कि चंदौली जनपद के सदर ब्लाक के रघुनाथपुर गांव के निवासी अखिलेश शर्मा ने परियोजना निदेशक बीबी सिंह के यहां पहुंचकर प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि मेरी शादी सकलडीहा विकासखंड के धरहरा गांव में हुई है। ब्लॉक के अधिकारियों व कर्मचारियों के मिली भगत से मेरी पत्नी प्रियंका शर्मा के नाम से उसके मायके में ही आवास योजना के तहत आवास दे दिया गया है और उसे पतित्यक्ता बताया गया है। जबकि मेरी पत्नी अधिक मायके में रहती है और पैर से विकलांग है, लेकिन मेरे घर भी उसका आना-जाना लगा रहता है। हम दोनों से दो बच्चे भी हैं। उसके आने का दिन निर्धारित था, लेकिन आवास का तीसरी किस्त आने वाली थी। इसलिए उसे रोक दिया गया। कहा गया कि तुम ससुराल जाओगी तो तुम्हारी तीसरी किस्त नहीं दी जाएगी।

Fake Awas allotment

 पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों द्वारा आवास का लालच देकर सरकारी धन का बंदरबाट भी किया गया है और हमारे दांपत्य जीवन में तनाव फैलाने का काम भी ब्लॉककर्मियों द्वारा किया गया है। तत्काल इस मामले का संज्ञान लेते हुए परियोजना निदेशक बीसी में बीडीओ को दूरभाष पर फटकार लगाते हुए दोषी के खिलाफ रिपोर्ट बनाकर कार्रवाई के लिए प्रेषित करने का निर्देश दिया। वहीं फर्जी तरीके से आवंटित आवास के पैसे की रिकवरी भी कराने का फरमान भी जारी किया।

Fake Awas allotment

इस संबंध में परियोजना निदेशक से खंड विकास अधिकारी ने बताया कि उसे विकलांगता के आधार पर आवास दिया गया है। उस पर भी परियोजना निदेशक ने फटकार लगाते हुए कहा है कि उसको विकलांगता का आवास उसके ससुराल में दिया जा सकता है, न कि मायके में। चाहे जैसे भी दिया गया है। यह गलत है। तत्काल इस पर कार्रवाई करते हुए धन की रिकवरी कराई जाए और दोषियों  के खिलाफ कार्यवाही के लिए रिपोर्ट प्रेषित की जाए।

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