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युवाओं को ठगने के लिए जिले में घूम रही फर्जी संस्था, भर्ती के नाम पर वसूल रही 10 हजार रूपये

ग्राम सभा में  ग्राम शिक्षा सहायता सेवक की भर्ती पर सम्पूर्ण समाधान दिवस पर आईपीएफ नेता अजय राय ने जिलाधिकारी के समक्ष उठाया सवाल, जिलाधिकारी महोदय ने चकिया क्षेत्राधिकारी को जांच का दिया मौखिक आदेश ।

 

जिलाधिकारी चंदौली को नहीं है योजना की जानकारी

शिक्षा विभाग को कोई खबर नहीं

खुला है राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा व सहायता अभियान का ऑफिस

अलग अलग पदों पर हो रही नियुक्ति 

चंदौली जिला कई फर्जी कंपनियों और संस्थाओं का अड्डा बना हुआ है, जो मनमाने तरह से जिले के नौजवान युवक युवतियों को रोजी रोजगार और नौकरी का झांसा देकर ठगने का काम कर रहे हैं। इसी तरह का मामला चंदौली जिले में उजागर हुआ है जहां लोगों का इंटरव्यू लेकर नौकरी देने के नाम पर ₹10000 वसूलने की कोशिश की जा रही है।
 

ग्राम सभा में  ग्राम शिक्षा सहायता सेवक की भर्ती पर सम्पूर्ण समाधान दिवस पर आईपीएफ नेता अजय राय ने जिलाधिकारी के समक्ष उठाया सवाल, जिलाधिकारी महोदय ने चकिया क्षेत्राधिकारी को जांच का दिया मौखिक आदेश ।
 

देहात में एक कहावत है कि जंगल के राजा शेर को पता नहीं और जंगल बंट गया, उसी तर्ज पर जिलाधिकारी महोदय को पता नहीं है और शिक्षा विभाग को कोई जानकारी नहीं है जबकि जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा व सहायता  अभियान के तहत  चंदौली जनपद में अस्थाई रूप से विभिन्न पदों पर भर्ती शुरू हो गयी है, जिसमें एक पर्यवेक्षक, लिपिक  व चपरासी सहित प्रत्येक ग्राम सभा में पांच ग्राम शिक्षा सहायता सेवक की भर्ती शुरू हो गयी है।उसके लिए सभी पदों का वेतनमान भी तय दिया गया है।

Fake NGO recruiting workers

 जैसे ही इस बात की जानकारी मिली तो रोज़गार पाने की भूख बेरोजगार युवाओं का आकृष्ट किया और गांव गांव से रोजगार पाने की चाहत में काफी संख्या में युवाओं ने फार्म भरा, उनकी इन्टरव्यू हुआ और  कई को सलेक्ट कह कर  रोजगार पाने वाले लोगों को 8-9 जनवरी को पचफेडवा ( कठौरी रोड़ पर) स्थित कार्यालय में बुलाया गया है। चर्चा तो यह भी है कि जिसका नियुक्ति पत्र भेजकर बुलाया गया उससे दस हजार रुपए भी लिया गया है।

Fake NGO recruiting workers

सवालों की शुरुआत या शंकाएं तब होती हैं जब ग्राम सभा को मालूम नहीं, जिलाधिकारी चंदौली से नियुक्ति करने का कोई आदेश नहीं, शिक्षा विभाग को जानकारी नहीं और तो और इन्टरव्यू लेकर चुनें जाने  की बातें कहकर युवाओं को उक्त दिनांक को दस हजार रुपए लेकर आने को और कार्यालय  में जमा करने को क्यों कहा गया है। कुछ को पैसा जमा करके ही नियुक्ति पत्र मिला हैं। अगर यह गैर सरकारी संस्था (NGO ) के द्वारा  भर्ती किया जा रहा हैं तो दस - दस हजार रुपए ( नाम न उजागर हो  इस शर्त पर अभ्यर्थियों द्वारा लगाए गए हैं ) जो जमा करेंगे, उन्हीं  को नियुक्त करने की बातें क्यों हो रहीं हैं।

 अगर ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना लक्ष्य हैं तो विभाग को जानकारी क्यों नहीं दिया गया हैं। सभी अधिकारियों द्वारा इस तरह की नियुक्ति की जानकारी न होने की बातें क्यों कहा जा रहा हैं। ग्राम पंचायत प्रधान भी इसकी जानकारी न होने की बातें कर रहें हैं। सच्चाई जांच से पता चलेगा।

Fake NGO recruiting workers
सम्पूर्ण समाधान दिवस पर मौजूद जिलाधिकारी के समक्ष इस तरह की नियुक्ति हो रहीं पर आईपीएफ नेता अजय राय ने बातें उठाया तो उन्होंने तत्काल चकिया क्षेत्राधिकारी से जांच करने को कहा क्योंकि चकिया के भी कई गांवों के भी अभ्यर्थी हैं।


 शनिवार को जिलाधिकारी के संज्ञान में यह बात आ गई है और अब जिलाधिकारी इस पर क्या कदम उठाते हैं और लोगों को ठगने वाली ऐसी संस्थाओं पर किस तरह की कार्यवाही करते हैं यह देखने वाली बात होगी।

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