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चंदौली जिले में मनमाने अंदाज में बेची जा रही है खाद, आधा दर्जन दुकानों के लाइसेंस रद्द

जनपद में दिनांक 7 सितंबर से दिनांक 10 सितंबर 2024 को क्रमशः जिला कृषि अधिकारी तथा कृषि विभाग के संयुक्त टीम द्वारा बृहद पैमाने पर उर्वरक प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया गया।
 

उर्वरक बिक्री केंद्रों पर अनियमितता का मामला

जिला कृषि अधिकारी द्वारा की गयी कार्रवाई

उर्वरक प्राधिकार पत्र को किया गया निलंबित

जानिए कौन-कौन है शामिल

चंदौली जिले खाद व बीज की दुकानों पर मनमाने अंदाज में बिक्री की जाती है। इसका नमूना तब देखने को मिला जब जिले की टीम ने खुद दुकानों का निरीक्षण करने की जहमत उठायी। दुकानों पर जाकर पता चला कि सरकार के निर्देश को ताख पर रखकर खाद बेची जा रही है।
चंदौली जिले के जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार यादव ने बताया कि खरीफ 2024-25 में उर्वरकों की समयानुसार भारी मांग को देखते हुए इसके वितरण पर जिला प्रशासन द्वारा निरन्तर नजर रखी जा रही है। उर्वरकों की बिक्री अथवा भण्डारण की अनियमितता प्रकाश में आने पर असामाजिक तत्वों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही के लिए कृषि विभाग को निर्देश प्राप्त हुए है।

कृषकों को गुणवत्तायुक्त उर्वरक निर्धारित दर पर उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा उर्वरकों पर भारी अनुदान प्रदत्त कराया जाता है। कृषको हेतु उपलब्ध कराये गये इन अनुदानित उर्वरकों का असामाजिक तत्वों द्वारा अन्य उपयोगो में अन्तरित करने का प्रयास किया जाता है। इसकी रोकथाम के लिए शासन द्वारा किसानों की खतौनी तथा बोई गयी फसल के अनुसार पीओएस मशीन से उर्वरक वितरण अनिवार्य कर दिया गया है।

उच्चाधिकारियों के निर्देश के क्रम में जनपद में दिनांक 7 सितंबर से दिनांक 10 सितंबर 2024 को क्रमशः जिला कृषि अधिकारी तथा कृषि विभाग के संयुक्त टीम द्वारा बृहद पैमाने पर उर्वरक प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण किया गया, जिसमें मे० इफको बाजार, बथावर, मे० किसान सेवा केन्द्र, सकलडीहा, मे० कुशवाहा खाद भण्डार, कांटा, मे० हरि ओम फर्टिलाइजर, कांटा, मे० शिय खाद भण्डार, मटरौल, मे० भटरौल यू०पी०एस०एस०एस०, भटरौल का निरीक्षण के समय पीओएस मशीन में उपलब्ध स्टाक का भौतिक सत्यापन करने पर भिन्नता पायी गयी, जिसके कारण इनके उर्वरक प्राधिकार पत्र तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए क्रय विक्रय प्रतिबन्धित कर दिया गया है तथा सम्बन्धित उर्वरक प्रतिष्ठान को कारण बताओ नोटिस निर्गत करते हुए कठोर चेतावनी के साथ निर्देशित किया गया है। साथ ही तीन दिवस के अन्दर संतोषजनक उत्तर प्रस्तुत नहीं किया जाता है, तो सम्बन्धित उर्वरक प्रतिष्ठान के विरुद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अन्तर्गत कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।

जनपद के समस्त उर्वरक प्रतिष्ठानों को निर्देशित किया जाता है कि कृषक भाईयों को उचित रेट पर ही उर्वरक का वितरण करना सुनिश्चित करें तथा साथ ही साथ इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि पीओएस मशीन में उपलब्ध स्टाक तथा भौतिक स्टाक में कोई अन्तर न रहे।

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