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चंदौली जिले के पूर्व एसपी अमित कुमार सहित 18 पुलिसकर्मियों पर दर्ज मुकदमा खारिज

इसी वसूली को किए जाने की लिस्ट को वायरल करके मुगलसराय कोतवाली का भ्रष्टाचार को उजागर किया गया था। जिसकी जांच डीआईजी विजिलेंस के लव कुमार द्वारा की गई थी।
 

 गाज़ीपुर के पुलिस अधीक्षक ने बताया फर्जी है शिकायत

गाजीपुर में नहीं हुयी है कोई घटना

कोर्ट में गलत तथ्य पेश करने पर आया था आदेश

गाजीपुर एसपी ने मुकदमा खारिज करके कोर्ट को भेजी रिपोर्ट

चंदौली जिले के पूर्व पुलिस अधीक्षक अमित कुमार द्वितीय सहित 18 पुलिस कर्मियों पर गाजीपुर जिले  के नंदगंज  थाने में सीजेएम कोर्ट के निर्देश पर मुकदमा दर्ज किया गया था। अब इस मामले में गाज़ीपुर के पुलिस अधीक्षक ने मामले को साक्ष्य विहीन व निराधार बताते हुए न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करने वाला कह रहे हैं। साथ मामले को खारिज करने के संबंध में कार्यवाही शुरू करने की बात कही है।

 बता दें कि गाजीपुर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी  द्वारा वर्ष 2022 में अनिल कुमार सिंह पुत्र स्व.बखेडू सिंह निवासी  शिवशंकर नगर कॉलोनी, भूलनपुर पोस्ट भूलनपुर पीएसी थाना मडुवाडीह जिला वाराणसी के प्रार्थना पत्र पर  चंदौली के पूर्व पुलिस अधीक्षक अमित कुमार द्वितीय, निरीक्षक राजीव कुमार सिंह, अजीत कुमार सिंह, सत्येंद्र कुमार यादव, आनंद कुमार गौड़, राणा प्रताप सिंह, अमित सिंह, भूलन यादव, देवेंद्र कुमार सरोज, प्रेम प्रकाश यादव, नीरज कुमार मिश्रा, सत्येंद्र विक्रम सिंह, अंकित सिंह, गौरव राय, रोहित कुमार, मनोज कुमार,आनंद सिंह, अजीत कुमार के खिलाफ भारतीय दंड विधान 1860 की धारा 147, 219, 220, 342, 364 ,389, 467, 468, 471तथा 120 भी के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत कर कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था।

इस प्रार्थना पत्र के अंतर्गत धारा 156 (3) दण्ड प्रावधान संहिता सेवाच्युत मुख्य आरक्षी अनिल कुमार सिंह द्वारा मुगलसराय प्रभारी शिवानंद मिश्रा एवं पुलिस अधीक्षक चंदौली द्वारा अपने पद एवं पावर का दुरुपयोग कर थाना मुगलसराय में 12 लाख 50 हजार रुपए प्रतिमाह जनता से नियम विरुद्ध अवैध वसूली कर रहे थे। इसी वसूली को किए जाने की लिस्ट को वायरल करके मुगलसराय कोतवाली का भ्रष्टाचार को उजागर किया गया था। जिसकी जांच डीआईजी विजिलेंस के लव कुमार द्वारा की गई थी। इसमें प्रार्थी द्वारा लगाए गए आरोप सत्य  पाए जाने पर उनके द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो गया था।

इस मामले से क्षुब्ध होकर एसपी ने 28 फरवरी 2021 को उसे बर्खास्त कर दिया। उसे  समय के पुलिस अधीक्षक व इंस्पेक्टर चंदौली बदले की भावना से ग्रस्त होकर योजना फर्जी तरीके से 8 जुलाई 2021 को प्रार्थी को अपराध अभियोग लगाकर लगाने के  7 सितंबर 2021 को झूठे मुकदमे में फंसा कर पशु क्रूरता अधिनियम 120 बी, 419, 420, 467, 468 ,471, 411 ,414 आईपीसी के तहत  बबुरी थाना जनपद चंदौली में फंसा कर चालान कर दिया गया।

उपरोक्त लोगों ने जानबूझकर आईपीसी की धारा 219, 220, 342, 364, 389, 467, 468, 469 तथा 471 व 120 बी का अपराध दर्जकर दिया। इसके संबंध में प्राथमिक की पुत्री खुशबू द्वारा 6 सितंबर 2021 को रजिस्टर्ड रजिस्ट्री द्वारा पत्र दिया गया था एवं मेरे साले विजेंद्र सिंह द्वारा खुद नंदगंज थाना गाजीपुर को व्यक्तिगत रूप से तहरीर भी दिया गया था, जिस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई थी। इसके बाद उसके द्वारा 11 मई 2022 को थाना अध्यक्ष नंदगंज को रजिस्टर्ड रजिस्ट्री द्वारा प्रार्थना पत्र दिया गया था। लेकिन मुकदमा पंजीकृत नहीं किया गया।

 इस मामले को लेकर पीड़ित द्वारा गाजीपुर न्यायालय में मुकदमा किया गया, जिसमें 28 नवंबर 2024 को प्रस्तुत होना था। इसमें थाना प्रभारी नंदगंज द्वारा 18 पुलिसकर्मी सहित पूर्व के चंदौली पुलिस अधीक्षक के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर कोर्ट में मुकदमे की कॉपी दी गई।

अब उस मुकदमे को निराधार बताते हुए पुलिस अधीक्षक गाजीपुर द्वारा एक बाइट के माध्यम से बताया गया है कि नंदगंज थाने में जो मुकदमा दर्ज किया गया है, उसे तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया गया है । इस संबंध में माननीय न्यायालय में रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर दी गई है ।

मामले में पर्याप्त साक्ष्य जुटाए गए हैं कि नंदगंज थाना क्षेत्र में ऐसी कोई घटना नहीं घटित हुई है और ना ही इस तरह की घटना का कोई साक्ष्य पाया गया है। वहीं उन्होंने यह भी बताया कि इस मुकदमे में वादी अनिल के खिलाफ पूर्व में भी कई मुकदमे पंजीकृत हैं।

यह उसके बर्खास्तगी ड्यूरेशन में मुकदमा पंजीकृत हुआ था, जिसमें गैंगस्टर भी लगा था। जिसमें वह काफी समय जेल में रहा और इसके द्वारा तथ्यों को छुपाते हुए गलत  तथ्यों के आधार पर एक मुकदमा सीजेएम कोर्ट में किया गया था। जिसको  खारिज किया गया है। उन्हीं तथ्यों के आधार पर जो इसके हाईकोर्ट में मुकदमा पंजीकृत हुआ था। उसे भी खत्म करने के लिए एप्लीकेशन डाली गई थी। माननीय उच्च न्यायालय  इलाहाबाद द्वारा निरस्त किया गया था। उन्हें गलत तथ्यों के आधार पर यहां पर मुकदमा लिखवाने में सफल रहा। यह बहुत ही अपराधी किस्म का व्यक्ति है। इस पर पूर्व के भी कई मुकदमे हैं और वर्तमान के भी दो-तीन मुकदमे हैं।नौकरी से बर्खास्त हो चुका है।

इस मुकदमे में वादी के खिलाफ कार्यवाही के लिए न्यायालय में रिपोर्ट प्रेषित की गई है। अब देखना है कि इस मामले में पुलिस अधीक्षक गाजीपुर द्वारा जो क्लीन चिट दी गई है। वह न्यायालय में कितना सच साबित होती है और सीजेएम कोर्ट द्वारा एसपी अमित कुमार द्वितीय सहित 18 पुलिस कर्मियों को निर्दोष साबित किया जाता है।

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