एक साल में नहीं बन पाया फायर स्टेशन, आग लगने पर दूर से आती हैं गाड़ियां
रामनगर औद्योगिक क्षेत्र में हमेशा लगती है आग
जलकर राख हो जाता है लाखों का सामान
अभी तक नहीं बन सका है अग्निशमन केंद्र
1 साल पहले ही आ गया था फायर स्टेशन का बजट
चंदौली जिले नेशनल हाइवे के किनारे बने रामनगर औद्योगिक क्षेत्र फेज-1 और दो मिलाकर कुल 250 से ज्यादा बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं। लेकिन यहां एक भी अग्निशमन केंद्र नहीं है। गर्मी के दिनों में अक्सर इनमें आग लगने की घटनाएं होती हैं। जिसके बाद पीडीडीयू नगर से आधे से एक घंटे में दमकल की गाड़ी आने तक लाखों का सामान जलकर राख हो जाता है। प्रतिवर्ष यहां आग लगने से लाखों का नुकसान होता है।
आपको बता दें कि उद्यमियों की मांग पर दो वर्ष पहले अग्निशमन केंद्र बनाने का प्रस्ताव पास हुआ था। एक साल पहले उसके लिए धनराशि भी आवंटित हो चुकी है। लेकिन अभी तक उसका शिलान्यास तक नहीं हो सका है।
रामनगर औद्योगिक क्षेत्र के फेज वन और फेज दो में कुल ढाई सौ औद्योगिक इकाइयां हैं ।फ्लोरमिल, पाइप निर्माण, सोलर एनर्जी, चिप्स निर्माण, केमिकल निर्माण, सीमेंट, बिस्कुट निर्माण, धागा, कागज निर्माण की इकाइयां हैं। शार्ट सर्किट और भट्टिठयों के चलते आग लगने की आशंका रहती है। प्रतिवर्ष किसी न किसी इकाइयों में आग लगती है।
इसको देखते हुए यहां लंबे समय से फायर स्टेशन की मांग की जा रही थी। औद्योगिक क्षेत्र में तीन वर्ष पहले ही फायर स्टेशन को मंजूरी मिली थी। इसका निर्माण औद्योगिक क्षेत्र विकास निगम को कराना है।
औद्योगिक क्षेत्र कार्यालय और औद्योगिक क्षेत्र पुलिस चौकी से सटे जमीन पर निर्माण की योजना तैयार हो गई। यूपीसीडा (उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट अथारिटी) ने भवन निर्माण की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश आवास विकास निगम को सौंपी है। एक वर्ष में इसका निर्माण पूरा करने की योजना थी।
भवन निर्माण के लिए यूपीसीडा ने साढ़े चार करोड़ का इस्टीमेट तैयार किया और उसकी मंजूरी भी मिल गई। इसके बावजूद अब तक फायर स्टेशन नहीं बन सका। यहां वर्तमान में मिट्टी भराई का काम शुरू हो रहा है। ऐसे में इस वर्ष भी गर्मी में अग्निशमन केंद्र के बनने की उम्मीद को पंख लगते नहीं दिख रही है।
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