जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

विद्यालयों में प्राथमिक उपचार के प्रशिक्षण की आवश्यकता, राज्यसभा सांसद दर्शना सिंह ने रखी मांग

चंदौली  जिले की निवासी राज्यसभा सांसद दर्शना सिंह ने उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान विद्यालयों में प्राथमिक उपचार (First Aid) प्रशिक्षण को अनिवार्य करने की माँग उठाई।
 

छात्र-छात्राओं को विद्यालय में मिले प्राथमिक उपचार की ट्रेनिंग

उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान उठाया ये उपयोगी मुद्दा

फर्स्ट एड  प्रशिक्षण की आवश्यकता  पर बोलीं राज्यसभा सांसद दर्शना सिंह

 

चंदौली  जिले की निवासी राज्यसभा सांसद दर्शना सिंह ने उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान विद्यालयों में प्राथमिक उपचार (First Aid) प्रशिक्षण को अनिवार्य करने की माँग उठाई। उन्होंने कहा कि स्कूलों में विद्यार्थियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण आवश्यक है। अक्सर स्कूलों में बच्चे चोटिल हो जाते हैं, जलने, साँप या जानवरों के काटने की घटनाएँ होती हैं, या दिल का दौरा पड़ने जैसी आपातकालीन स्थितियाँ आती हैं। ऐसे में सही समय पर दिया गया प्राथमिक उपचार कई जिंदगियों को बचा सकता है।

शिक्षकों को दिया जाए प्रशिक्षण

सांसद दर्शना सिंह का मानना है कि शिक्षक समाज की नींव होते हैं और विद्यार्थियों को उचित दिशा प्रदान करते हैं। इसलिए सरकार को चाहिए कि शिक्षकों को प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण दे, जिससे वे न केवल खुद जागरूक हों, बल्कि विद्यार्थियों को भी इसकी जानकारी दे सकें। इस प्रशिक्षण में दुर्घटनाओं से बचाव के उपाय, सीपीआर (CPR), दिल का दौरा पड़ने पर जीवनरक्षक तकनीकें, जलने, साँप के काटने या अन्य आपातकालीन स्थितियों में आवश्यक प्राथमिक चिकित्सा देने की विधियाँ सिखाई जाएँ।

प्राथमिक उपचार से जीवन रक्षा

सांसद दर्शना सिंह ने बताया कि कई बार दुर्घटना के बाद उपचार में देरी के कारण मरीज की हालत बिगड़ जाती है। यदि प्राथमिक उपचार तुरंत मिल जाए, तो स्थिति को गंभीर होने से रोका जा सकता है। दिल का दौरा पड़ने पर सीपीआर (CPR) देकर मरीज की जान बचाई जा सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्राथमिक उपचार की जानकारी होने से इलाज का खर्च भी कम किया जा सकता है, क्योंकि मरीज की हालत गंभीर होने से पहले ही सही कदम उठाए जा सकते हैं।

विद्यालयों में प्राथमिक उपचार को अनिवार्य बनाने की माँग

सांसद दर्शना सिंह ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की माँग है कि प्राथमिक उपचार की जानकारी केवल चिकित्सा क्षेत्र तक सीमित न रहे, बल्कि इसे विद्यालयों में अनिवार्य रूप से लागू किया जाए।

इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाने की सिफारिश की गई है:
- शिक्षकों और छात्रों को प्राथमिक उपचार का अनिवार्य प्रशिक्षण दिया जाए।
- प्रत्येक विद्यालय में प्राथमिक उपचार किट अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाए।
- स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा समय-समय पर कार्यशालाएँ आयोजित की जाएँ।
- प्राथमिक उपचार को विद्यालयी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए।
- विद्यालयों में सुरक्षा मानकों को और अधिक प्रभावी बनाया जाए।

सरकार से अपेक्षाएँ

सांसद दर्शना सिंह ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी शिक्षा और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दे रहे हैं, और सरकार ने इस मुद्दे पर विचार करने का आश्वासन दिया है।

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*

News Hub