चंदौली जिले में बढ़ेगा मछली का व्यापार, कई किसान कर रहे हर साल 1302 टन मछली तैयार
जिले में 750 से अधिक लोग कर रहे मछली पालन
हर साल 1302 टन मछली का हो रहा उत्पादन
नयी मंडी बनने के बाद लाभ व व्यापार बढ़ने की उम्मीद
चंदौली जिले में मछली मंडी का बाजार बनने से पहले जिले में मछली की पैदावार तेजी से बढ़ने लगी है और नए मछली उत्पादक भी सामने आने लगे हैं। फिलहाल के आंकड़ों को देखा जाय तो चंदौली जिले में 750 से अधिक लोग मछली पालन कर रहे हैं। जिले में हर साल 1302 टन मछली का उत्पादन हो रहा है। इससे स्थानीय बाजार में बेचने के लिए रोहू, कतला, नैन, पियासी और फंगासियश जैसी मछलियों तैयार की जा रही हैं।
जिला मुख्यालय पर नवीन मंडी में मछली मंडी के शुरू होने से पहले जिले के कई इलाके में मछली उत्पादन तेजी से बढ़ने लगा है। मत्स्य विभाग की 10 योजनाओं का लाभ लेकर जिले के सैकड़ों किसान मछली पालन कर अतिरिक्त आमदनी कर मालामाल हो रहे हैं।
इस बारे में जानकारी देते हुए सहायक निदेशक मत्स्य रविंद्र प्रसाद ने बताया कि कुछ वर्षों में मछली पालन के प्रति रुझान बढ़ा है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री संपदा योजनाओं के तहत अब तक जिले में 750 से तालाबों का निर्माण कराया गया है, जिनमें मछली पालन किया जा रहा है। जिले के कई मछली पालक मिलकर हर साल 1302 टन मछली उत्पादन कर रहे है। इन जगहों पर खास तौर पर रोहू, कतला, नैन, पियासी, देशी मांगूर, फंगाशियस जैसी मछलियों का पालन किया जा रहा है। अब तो अच्छी मार्केट की संभावना को देखकर मछली पालन में बढ़ी संख्या में पढ़े-लिखे लोगों की भी दिलचस्पी लेने लगे हैं।
बर्थरा गांव के मछली पालन करने वाले मदनजीत सिंह ने कहा कि एमएससी तक पढ़ाई के बाद दो लाख की लागत से 10 साल निजी तालाब में मछली पालन की शुरुआत की थी। इस समय 20 एकड़ में मछली पालन कर रहा हूं। 400 क्विंटल रोहू, 300 क्विंटल प्यासी मछली का हर साल उत्पादन होता है। इससे सालाना 35 से 40 लाख रुपये तक की आमदनी हो जाया करती है।
इमिलिया गांव के रहने वाले मृत्युंजय सिंह भी इस काम में दिलचस्पी ले रहे हैं। इमिलिया निवासी इस मछली पालक का कहना है कि पहले बीटेक करने के बाद गुजरात में नौकरी करने लगे थे। बाद में घरेलू परेशानियों के चलते घर वापस लौटना पड़ा। 5 साल पहले मछली पालन शुरू किया था। धीरे-धीरे अब डेढ़ हेक्टेयर में मछली का पालन करने लगा हूं। हर साल 4-5 लाख तक आमदनी हो जाया करती है। जिले में मछली मंडी बनने के बाद सहूलियत और बढ़ेगी तो लाभ भी बढ़ेगा।
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