चंदौली में मछली पकड़ने पर लगी रोक, डीएम ने मत्स्य संरक्षण के लिए जारी किए सख्त आदेश
नदियों, जलाशयों और जल धाराओं में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध
1 जुलाई से 31 अगस्त तक मत्स्य आखेट प्रतिबंधित
उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई
चंदौली जिले में मत्स्य संरक्षण को लेकर जिला मजिस्ट्रेट चंद्र मोहन गर्ग ने उत्तर प्रदेश मत्स्य अधिनियम 1948 की धारा 3 की उपधारा (1) के तहत सख्त निर्देश जारी किए हैं। शासनादेश संख्या 778/XIIF-469/1948 दिनांक 11 सितंबर 1954 एवं अन्य संबंधित नियमों को तत्काल प्रभाव से लागू करते हुए उन्होंने जिले की समस्त नदियों, जलाशयों और जल धाराओं में मछली पकड़ने पर नियमन लागू कर दिया है।
जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग के द्वारा जारी आदेश के अनुसार, चंदौली जिले की सीमा में स्थित सभी जल स्रोतों में कोई भी व्यक्ति विस्फोटक पदार्थ या विषैले रसायनों के माध्यम से मछली नहीं मारेगा और न ही ऐसा करने का प्रयास करेगा।
इसके अलावा, 15 जून से 30 जुलाई 2025 तक प्रजननशील मछलियों को पकड़ना, मारना या बेचना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। इसी तरह, 15 जुलाई से 30 सितंबर 2025 तक 2 से 10 इंच आकार की अंगुलिका अथवा मत्स्य जीरा को पकड़ना, रखना या बेचना भी दंडनीय अपराध माना जाएगा, जब तक कि संबंधित व्यक्ति के पास वैध लाइसेंस न हो।
डीएम द्वारा जारी आदेश के तहत 1 जुलाई से 31 अगस्त तक विभिन्न श्रेणी के जलाशयों में मछली आखेट पर पूर्ण प्रतिबंध लागू रहेगा। यह आदेश विशेष रूप से मछलियों के प्रजनन काल में संरक्षण को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लागू किया गया है।
साथ ही, किसी भी व्यक्ति को जलधाराओं के प्राकृतिक प्रवाह को रोकने या उसमें अवरोधक लगाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसा करने पर पकड़ी गई मछलियों, जीरा, अवरोधक सामग्री सहित सभी चीजों को जब्त कर लिया जाएगा।
डीएम ने चेतावनी दी है कि आदेशों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध उत्तर प्रदेश मत्स्य अधिनियम 1948 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने संबंधित विभाग को निर्देशित किया है कि नियमों का पालन सुनिश्चित कराया जाए और जनजागरूकता अभियान भी चलाया जाए।
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