चंदौली-बनारस के इन दो शातिरों ने 3 और लोगों के साथ मिलकर की थी हत्या, 13 साल बाद मिली उम्र कैद की सजा
फैक्ट्री सुपरवाइजर की हत्या में कोर्ट का फैसला
चंदौली वाराणसी के दो युवक को समेत पांच को मिली उम्र कैद
बक्सर का रहने वाला था मृतक सुपरवाइजर
चोरी के मामले को लेकर हुयी थी हत्या
अमरोहा जिले के गजरौला में 13 साल पहले हुई चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने की रंजिश में की गई फैक्ट्री सुपरवाइजर की हत्या के मामले में कोर्ट ने चंदौली वाराणसी समेत पांच लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। पांचों दोषियों पर 1.25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। शुक्रवार को कोर्ट ने सभी को दोषी मानते हुए न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।
आपको बता दें कि मूल रूप से बिहार के बक्सर के राजपुर थाना क्षेत्र के गांव रौनी निवासी अमरेंद्र गजरौला एक फैक्ट्री में सुपरवाइजर था। वह पत्नी पूजा और तीन बच्चों के साथ गजरौला में ही रहता था। 15 अप्रैल 2011 को अमरेंद्र का शव गजरौला थाना क्षेत्र के गांव मुरीदपुर अटारी निवासी राम सिंह के खेत में ट्यूबवेल के पास पड़ा मिला था। रस्सी से गला घोंटकर उनकी हत्या की गई थी। मामले में मृतक के पिता हीरालाल ने शक के आधार पर पुत्रवधू पूजा पर बेटे की हत्या करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था लेकिन विवेचना के दौरान मामला कुछ और ही निकला।
फैक्ट्री कर्मी अमित श्रीवास्तव के खिलाफ चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने की रंजिश में अमरेंद्र की हत्या करने का ठोस सुबूत पुलिस के हाथ लग गया। बाद में पुलिस ने मामले में वाराणसी जिले के लक्सा थाना क्षेत्र के नई सड़क सूरजकुंड निवासी अमित श्रीवास्तव, चंदौली जिले के धीना थाना क्षेत्र के गांव बहोरा चंदेल निवासी हरिशंकर, रजबपुर थाना क्षेत्र के गांव काफूरपुर निवासी सरजीत व गजराज एवं गजरौला थाना क्षेत्र के गांव वारसाबाद निवासी दीपक गिरी को गिरफ्तार कर चालान किया था।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने गजरौला के मोगा होटल के पीछे पेड़ में रस्सी से लटकाकर अमरेंद्र की हत्या करने के बाद शव को ट्यूबवेल के पास छिपाने का सच उगल दिया। फैक्ट्री में काम करने वाले अमित श्रीवास्तव के खिलाफ चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने को लेकर शुरू हुई रंजिश अमरेंद्र की हत्या की वजह रही थी। फिलहाल, सभी जमानत पर थे। हत्याकांड की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश त्वरित द्वितीय ज्योति की अदालत में चल रही थी।
अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता अमित कुमार वशिष्ठ ने की। गुरुवार को अदालत ने मामले में सुनवाई करते हुए पत्रावली के अवलोकन व साक्ष्य के आधार पर दीपक गिरी, गजराज, सरजीत, हरिशंकर व अमित श्रीवास्तव को दोषी करार दिया था। इसके बाद सभी दोषियों को अदालत से ही न्यायिक अभिरक्षा में लेते हुए जेल भेज दिया गया था। शुक्रवार को सजा के प्रश्न पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पांचों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई व 1.25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
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