खतरे के निशान के आसपास है पहुंचा गंगा का पानी, तटवर्ती गांवों के लोगों में बनी है दहशत
गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब
50 से अधिक गांवों के लोग होते हैं प्रभावित
धानापुर क्षेत्र की फसलें फिर से डूबने लगीं
प्रशासन ने बना रखी हैं 12 बाढ़ चौकियां
चंदौली जिले में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और अब यह खतरे के निशान के बेहद करीब पहुंच गया है। मंगलवार शाम तक जलस्तर 71.12 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के बिंदु 71.26 मीटर से मात्र 14 सेंटीमीटर नीचे है। यदि बढ़ोतरी की यही रफ्तार जारी रही तो किसी भी वक्त गंगा खतरे का निशान पार कर सकती है। इससे तटवर्ती गांवों के हजारों परिवारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
तीसरी बार बढ़ा जलस्तर
पिछले एक महीने में यह तीसरी बार है जब गंगा का जलस्तर बढ़ा है। किनारे के 50 से अधिक गांवों की करीब 1.20 लाख आबादी इस बाढ़ जैसे हालात से प्रभावित है। गंगा का पानी अब सिवान पार कर गांवों और घरों तक दस्तक देने को तैयार है।
फसलें जलमग्न, किसानों की बढ़ी परेशानी
धानापुर क्षेत्र के रामपुर दिया, प्रसहटा, बुद्धपुर, नौघरा, नरौली, बड़ौरा, नगवां, प्रहलादपुर और गुरैनी समेत कई गांवों में पानी खेतों तक पहुंच चुका है। धान और सब्जियों की फसलें डूबने लगी हैं। किसानों का कहना है कि हाल ही की दो बाढ़ों में भारी नुकसान झेलना पड़ा, और अब फिर से फसलें बर्बाद हो रही हैं।
प्रशासन की ओर से तैयारी
उप जिलाधिकारी कुंदन राज कपूर ने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। कुल 12 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। धानापुर क्षेत्र के तटवर्ती गांवों में कैंप स्थापित कर लोगों और उनके पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। भोजन और राहत सामग्री भी उपलब्ध कराई जा रही है।
टांडा कला और बलुआ क्षेत्र में खतरा बढ़ा
बलुआ और टांडा कला इलाके में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। पानी के दबाव से तटवर्ती गांवों की जमीन कटान की चपेट में आ रही है। भुपौली, डेरवा, महद्दौरा, कांवर, पकड़ी, महुअरिया, विशुपुर, सराय, सोनबरसा, गंगापुर, महमदपुर, बड़गांवा, नादी निधौरा और सहोपुर जैसे गांवों में उपजाऊ भूमि गंगा में समाहित हो चुकी है।
सहमे हुए ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि हर साल गंगा की बाढ़ उन्हें बेघर कर देती है और उनकी मेहनत की कमाई पानी में समा जाती है। लगातार कटान और बढ़ते जलस्तर ने लोगों को परेशान कर दिया है। ग्रामीण प्रशासन से राहत, बचाव और मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
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