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फोरलेन सड़क निर्माण में मुआवजे की मांग को लेकर अभी भी है ग्रामीणों में आक्रोश, अब इन लोगों ने किया विरोध

पीडीडीयू नगर में पड़ाव रामनगर मार्ग फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है। उसकी जद में भूमधरी और मकान आ रहे हैं। उसका मुआवजा देने और अतिक्रमण हटाने, मलबा हटाने के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की टीम दूसरे दिन शनिवार को भी चौरहट पहुंची।
 

मुआवजे की मांग को लेकर बढ़ा विवाद

अतिक्रमण हटाने में अधिकारियों को मिली नाकामी

ग्रामीणों बोले- बिना मुआवजे के कार्य नहीं होने देंगे

लाखों की संपत्ति का कैसे लें हजार में मुआवजा

चंदौली जिले के पीडीडीयू नगर में पड़ाव रामनगर मार्ग फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है। उसकी जद में भूमधरी और मकान आ रहे हैं। उसका मुआवजा देने और अतिक्रमण हटाने, मलबा हटाने के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की टीम दूसरे दिन शनिवार को भी चौरहट पहुंची। वहां मुआवजे की सूची लेकर चौरहट ग्राम प्रधान के नेतृत्व में ग्रामीणों ने पीडब्ल्यूडी विभाग के एई विनोद कुमार सिंह से मुलाकात की और मुआवजे की मांग करने लगे। लेकिन मुआवजे देने की बात नहीं बन पाई और ग्रामीणों के विरोध के चलते टीम बिना अतिक्रमण हटाए वापस हो गई।

आपको बता दें कि पड़ाव से रामनगर टेंगरा मोड़ तक लगभग 6.8 किलोमीटर सड़क का फोरलेन सड़क बनाई जा रही है। जिसकी चौड़ाई 26 मीटर है। पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से फोरलेन की जद में आये भूस्वामियों के मकानों और दुकानों को गिराने के साथ ही मलबा हटाने का कार्य जा रहा है। मुआवजा की मांग को लेकर ग्रामीणों ने शुक्रवार को मलबा हटाने के कारण कार्य को रुकवा दिया था।

लाखों का मकान और दुकान, मुआवजे के नाम पर चंद हजार

पड़ाव पड़ाव से रामनगर रोड पर बन रहे फोरलेन निर्माण के दौरान जहां लोगों का पूरा मकान और प्रतिष्ठान चला गया। उन्हें पीडब्ल्यूडी के अधिकारी चंद हजार का मुआवजा देने पहुंचे, तो लोगों ने शनिवार को अफसरों को लौटा दिया। अधिकारियों ने जैसे ही प्रभावित भूखंड स्वामियों से वार्ता की वहां मकान मालिकों ने मुआवजा लेने से मना कर दिया। 

चौरहट गांव निवासी राज किशोर पटेल का कहना है कि एक दुकान व चार कमरों का मकान चला गया। क्षतिपूर्ति के नाम पर कुछ हजार रुपये की देने की बात कह रहे हैं। वहीं चौरहट निवासी मनोहर पटेल का कहना है कि रोड चौड़ीकरण में पूरा मकान चला गया हम लोगों को स्थानीय रेट के हिसाब से मुआवजा चाहिए। ताकि दूसरी जगह मकान बना सकें। 

वहीं की रहने वाली रीता देवी ने कहा कि पूरा मकान चौड़ीकरण की जद में आ गया है। अब बच्चों को लेकर रहने के लिए जगह नहीं है। हमें उजाड़ कर कुछ हजार मुआवजा दिए जा रहा है। शांति देवी का कहना है कि मुआवजा ठीक तरीके से दें।


इस संबंध में पीडब्ल्यूडी विभाग के एई विनोद कुमार सिंह ने बताया कि फोरलेन सड़क निर्माण के दौरान गांव में मिले पीडब्ल्यूडी का सरहदी पत्थर को मानक मध्य से 12.35 मीटर सड़क का आधार मानकर भूमिधरी और मकान की क्षतिपूर्ति का मुआवजा दिया जाएगा।

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