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2 जिले को जोड़ने वाले गड़ई नदी का पुल लटका कर बजट का रोना रो रहा है विभाग, नेताजी लोगों को नहीं पड़ता है फर्क

मामले को लेकर पिछले वर्ष जिलाधिकारी ने निर्माणाधीन पुल का हाल जाना। लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन राजेश कुमार को पुल निर्माण में आ रही दिक्कतों को दूर करने का निर्देश दिया।
 

गड़ई नदी के पुल का निर्माण अधर में लटका

सौ से अधिक गांवों के लाभ के लिए बनना था पुल

विधायक और सांसद जी आखिर इसके लिए क्यों नहीं करते हैं पैरवी

चकिया अहरौरा मार्ग के अमरा दक्षिणी गांव के पास गड़ई नदी पर त्वरित आर्थिक विकास योजना के तहत 54 मीटर लंबे नए पुल निर्माण के लिए पांच फरवरी 2015 को तीन करोड़ तीन लाख 19 हजार स्वीकृत हुआ। पुल निर्माण की आधारशिला 19 सितंबर 2015 को चकायदा हवन पूजन के साथ हुआ। पुल का निर्माण 18 मई 2016 तक पूर्ण कर लिया जाना था। लेकिन सपा का शासन बदलते ही पुल निर्माण का कार्य अधर में लटक गया। कार्यदाई संस्था लोक निर्माण विभाग के अथक प्रयास से राज्य योजना के तहत एस्टीमेट रिवाइज होने के साथ ही पुल का निर्माण कार्य पुनः प्रारंभ हुआ, लेकिन पुल के एग्रीच कार्य में आपत्तियां लग जाने से निर्माण कार्य कुछ ही महीने बाद ठप हो गया।

इस बीच पुल के निर्माण को लेकर खूब राजनीति रोटी सेकी गई। जनमानस की समस्या को ध्यान में रखकर विधायक कैलाश आचार्य ने शासन सहित जिला प्रशासन को पत्राचार किया। मामले को लेकर पिछले वर्ष जिलाधिकारी ने निर्माणाधीन पुल का हाल जाना। लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन राजेश कुमार को पुल निर्माण में आ रही दिक्कतों को दूर करने का निर्देश दिया। डीएम के निर्देश पर नए एस्टीमेट के साथ ही पुल के एप्रोच के लिए भूमि का मुआवजा सहित 10 करोड रुपए का प्रोजेक्ट बनाकर विभाग को प्रेषित किया। पुल निर्माण में धन की कमी के साथ ही एप्रोच को लेकर उत्पन्न हुई अड़चन दूर होने की प्रवल उम्मीद जगी।

दो जनपदों को जोड़ने वाले इस प्रमुख पुल से चंदली व मीरजापुर जनपद के लगभग 100 से अधिक गांवों के लोगों का नित्य आवागमन होता है। ब्रिटिश हुकूमत में बना पुल काफी पुराना होने के साथ ही जर्जर हो गया है। खासकर बरसात के दिनों में गड़ई नदी में उफान आते ही पुल के कई फीट ऊपर पानी पहुंच जाता है। इससे आवागमन पूरी तरह बंद हो जाता है। अमरा दक्षिणी, सदापुर, लठिया आदि गांव के लोग ट्यूब का सहारा लेकर समीपवर्ती अहरौरा (मीरजापुर) बाजार जाने को विवश हो जाते हैं।

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