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कुंडा खुर्द में कट स्टोन से रोकी जाएगी गंगा कटान, ऐसी है सिंचाई विभाग की तैयारी

गांव की सुरक्षा और उपजाउ जमीन की कटान रोकने के लिए जियो ट्यूब कटर पर स्टोन बोल्डर भरकर स्टेपिंग करते हुए पिचिंग किया जाएगा। जिससे इसे मजबूती मिले और कटान रूक सके।
 

सिंचाई विभाग ने पत्थरों को गिराने का काम किया शुरू

करीब चार सौ मीटर तक बिछाए जाएंगे गंगा किनारे पत्थर

बाढ़ और बारिश से जमीनों की कटान रोकने की कोशिश

चंदौली जिले के नियामताबाद विकासखंड के कुंडा खुर्द और कुंडा कला गांव के बाशिंदों के लिए अच्छी खबर है। बाढ़ और बारिश से हर साल हो रही गंगा किनारे कटान रोकने के लिए कट स्टोन लगाया जाएगा। इसके लिए वहां पत्थर गिराने का काम भी शुरू हो गया है। करीब चार मीटर लंबाई में पत्थर लगाने का काम तीन महीने में पूरा किया जाएगा। इससे हर साल मानसून के सीजन में हो रही कटान से ग्रामीणों को निजात मिलेगी।

पिछले कई वर्षों से इन क्षेत्रों में गंगा कटान से किसानों की उपजाऊ जमीन धारा में समाहित हो चुकी है। इसके साथ ही कई लोगों के मकान और गांव के डीह बाबा मंदिर सहित कई देव स्थल और दोनों गांव को जोड़ने वाला मार्ग गंगा में समाहित हो चुका है। इसके लिए पिछले साल 2023 में करीब नौ करोड़ की लागत से जिओ ट्यूबू कटर से कटान रोकने का इंतजाम किया गया था लेकिन बाढ़ में अधिकतर ट्यूब कटर बह गया और फिर से कटान शुरू हो गई थी। इसे देखते हुए सिंचाई विभाग ने दोबारा शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा था। इसके बाद वहां से कट स्टोन लगाने के लिए 8.30 करोड़ रुपये की स्वीकृति के साथ इसका टेंडर भी हो चुका है। अब वहां पत्थरों को गिराने का काम शुरू हो गया है। इसे जून तक पूरा किया जाना है।

गांव की सुरक्षा और उपजाउ जमीन की कटान रोकने के लिए जियो ट्यूब कटर पर स्टोन बोल्डर भरकर स्टेपिंग करते हुए पिचिंग किया जाएगा। जिससे इसे मजबूती मिले और कटान रूक सके। करीब 381 मीटर लंबाई में नौ मीटर ऊंचा पत्थरों को बिछाया जाएगा। इससे गांव में लोगों को कटान बंद होने की उम्मीद जग गई है।

कटान में समाहित हो चुकी उपजाउ जमीन
कुंडा खुर्द और कुंडा कला गांव गंगा किनारे बसा हुआ है। हर साल मानसून आने पर बाढ़ और बारिश में कटान से गंगा में जमीन समाहित हो जाती है। अब तक करीब दो सौ एकड़ जमीन किसानों और ग्रामीणों की गंगा की धारा में समाहित हो चुकी है। ग्रामीण कटान रोकने के लिए लंबे समय से मांग कर रहे थे। दो साल जियो ट्यूब कटर से कटान रोकने का प्रयास किया गया लेकिन सफलता नहीं मिल पाई थी। अब वहां पत्थर के बोल्डर लगाकर गंगा के बहाव को दूसरी दिशा में मोड़ा जाएगा। ताकि बाढ़ में पानी टकराने से दोनों गांवों के सामने कटान न हो सके।

इस सम्बंध में सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता राजेश कुमार ने बताया कि कुंडा खुर्द गांव के सामने गंगा कटान रोकने के लिए पत्थर के बोल्डर बिछाए जाएंगे। इसके लिए शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। वहां पत्थर गिराने का काम शुरू हो गया है। गंगा के दाहिने तट पर स्थित दोनों गांव की उपजाऊ जमीन और गांव की सुरक्षा हो सकेगी। इसे मानसून शुरू होने से पहले तीन महीने में पूरा करा लिया जाएगा।

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