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गंगा स्नान करने वालों के लिए बुरी खबर, यूपी और बिहार में नहाने योग्य नहीं है पानी

उत्तर प्रदेश में 114 में से 97 स्थान इन मानकों पर खरे नहीं उतरे। इसी तरह बिहार में भी सभी 96 स्थान जल गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं करते हैं।
 

नदी बेसिन के अधिकांश क्षेत्रों में जल गुणवत्ता बेहद खराब

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का दावा

पानी की गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं

देश में गंगा को लेकर तमाम तरह के दावे तो किए जा रहे हैं, लेकिन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार उत्तर प्रदेश में गंगा नदी बेसिन के अधिकांश क्षेत्रों में जल गुणवत्ता ऐसी नहीं है कि वहां स्नान किया जा सके। यह खबर गंगा के धार्मिक महत्व को लेकर चौकाने वाली है क्योंकि हर दिन गंगा स्ना करने वालों की संख्या करोड़ों में है। लेकिन सरकार का एक संस्थान दावा कर रहा है कि गंगा के पानी में नहाने योग्य पानी के लिए तय गुणवत्ता नहीं दिख रही है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 7 अगस्त को एनजीटी के समक्ष दायर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गंगा, ब्रह्मपुत्र के साथ उनकी सहायक नदियों की जल गुणवत्ता की जांच की गई थी और यह जानने का प्रयास किया गया था कि यह पानी नहाने के लिए तय निर्धारित मानकों के मुताबिक सुरक्षित है या नहीं। उत्तर प्रदेश में 114 में से 97 स्थान इन मानकों पर खरे नहीं उतरे। इसी तरह बिहार में भी सभी 96 स्थान जल गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं करते हैं।

गंगा नदी बेसिन में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। जबकि ब्रह्मपुत्र नदी बेसिन में अरुणाचल प्रदेश, असम, नागालैंड, मेघालय, सिक्किम और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

तमाम प्रयासों के बावजूद 2500 किमी लंबे प्रवाह के दौरान गंगा में गंगोत्री से लेकर बंगाल की खाड़ी गंगा सागर तक इसमें प्रतिदिन विभिन्न कचरों की एक विशाल मात्रा छोड़ी जाती है।

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