कृषि प्रधान जनपद में सुस्त रही गेहूं खरीद, लक्ष्य का केवल 20% ही हुआ पूरा

अब तक सिर्फ 20% गेहूं की सरकारी खरीद पूरी
41,500 मीट्रिक टन के लक्ष्य में भारी अंतर
खुले बाजार में बेहतर रेट से किसान केंद्रों से दूर
चंदौली जनपद कृषि प्रधान क्षेत्र है, यहां के अधिकतर लोगों के जीविका का मुख्य साधन खेती ही है।इस बार गेहूं की सरकारी खरीद में जनपद काफी पिछड़ता नजर आ रहा है। अब तक जिले में केवल 20% गेहूं की खरीद ही हो सकी है। आंकड़ों के अनुसार, मोबाइल परचेसिंग के अंतर्गत अब तक 1703 किसानों से लगभग 8300 मैट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है, जबकि पूरे जनपद का लक्ष्य 41,500 मैट्रिक टन निर्धारित किया गया है।

गेहूं की खरीद जिले में कुल 79 क्रय केंद्रों के माध्यम से की जा रही है, लेकिन किसानों की भागीदारी अपेक्षाकृत कम देखी जा रही है। इसके पीछे मुख्य कारण मंडियों में बाजार मूल्य का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक होना बताया जा रहा है। जब खुले बाजार में किसानों को अधिक दाम मिल रहे हैं, तो वे सरकारी केंद्रों की ओर रुख करने से बच रहे हैं।

इसके अतिरिक्त, किसानों ने विपणन विभाग पर भी सवाल उठाए हैं। कुछ किसानों का आरोप है कि विभागीय अधिकारी व्यापारियों को अनावश्यक रूप से परेशान कर रहे हैं, जिससे खरीदी प्रक्रिया पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।
सरकार ने गेहूं खरीद की अंतिम तिथि 15 जून तय की है। ऐसे में समय तेजी से निकल रहा है और लक्ष्य से अभी भी 80% दूरी बनी हुई है। प्रशासन को चाहिए कि किसानों को क्रय केंद्रों तक लाने के लिए जागरूकता फैलाए और विभागीय प्रक्रियाओं को सरल बनाए, ताकि तय समय सीमा के भीतर खरीद लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
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