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हेडमास्टर चला रहे अपना ईंट भठ्ठा, बच्चों का भविष्य गांव के किसान के हवाले

प्राथमिक विद्यालय बेवदा में प्रधानाध्यापक अखिलेश सिंह के स्थान पर रनपुर गांव निवासी किसान गंगा सिंह बच्चों को पढ़ा रहा है।
 

गांव का किसान गढ़ रहा बच्चों की तकदीर

प्राथमिक विद्यालय बेवदा में चल रहा है खेल

हेडमास्टर के नाम पर किसान गंगा सिंह करते हैं काम

सब कुछ जानकर खामोश हैं बीईओ

नेताजी के खास होने से नहीं हो रही कार्रवाई

चंदौली जिले के धानापुर विकास खंड में एक गुरुजी स्कूल के बदले ईंट-भट्टा चलाने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। जबकि गुरू जी के बदले एक किसान बच्चों का तकदीर गढ़ने में लगा है। यह वाकया है धानापुर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बेवदा का। जहां प्रधानाध्यापक की नियुक्ति के बाद भी स्कूल में उनकी जगह गांव के एक किसान बच्चों को पढ़ा रहा है। इस 'खेल' की जानकारी होने के बाद भी शिक्षा विभाग के अधिकारी मौन है। सत्तापक्ष के नेताओं की पैरवी व करीबी होने के कारण शायद कोई उनके ऊपर एक्शन भी नहीं होता है।

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प्राथमिक विद्यालय बेवदा में प्रधानाध्यापक अखिलेश सिंह के स्थान पर रनपुर गांव निवासी किसान गंगा सिंह बच्चों को पढ़ा रहा है। आरोप है कि गुरुजी के स्थान पर पढ़ा रहा किसान उपस्थिति रजिस्टर में प्रधानाध्यापक के नाम का हस्ताक्षर भी बना रहा है। पूरा खेल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के जानकारी में चल रहा है। हालांकि विद्यालय के अन्य सहायक अध्यापक विरोध का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं।

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प्राथमिक विद्यालय बेवदा में देखा जाए तो 54 बालक व 49 बालिकाओं सहित कुल 103 बच्चे पंजीकृत हैं। जिनमें कक्षा 1 में 13, कक्षा 2 में 15, कक्षा 3 में 26, कक्षा 4 में 23 और कक्षा 5 में 26 छात्र छात्राओं के नाम शामिल हैं। इन बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रधानाध्यापक अखिलेश सिंह, सहायक अध्यापक वीरेंद्र कुमार यादव, राकेश कुमार भारती, राजू मौर्य व शिक्षा मित्र कुंज बिहारी सिंह नियुक्त हैं। शुक्रवार को अखिलेश सिंह को छोड़ अन्य सभी शिक्षक उपस्थित रहे।

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वहां पर प्रधानाध्यापक अखिलेश कुमार सिंह के स्थान पर रनपुर गांव के किसान गंगा सिंह कक्षा तीन के विद्यार्थियों को पढ़ाते मिले। वजह पूछने पर अन्य शिक्षकों ने बताया कि गंगा सिंह खुद के बच्चे भी यहीं पर पढ़ते हैं। इस वजह से वे उन्हें नित्य यहां पहुचाने आते हैं। और कुछ देर बच्चों को पढ़ा भी देते हैं। शिक्षकों ने यह भी बताया कि 24 अगस्त 2024 को खुद बीईओ अवधेश नारायण सिंह ने भी स्कूल का निरीक्षण किया था। तब भी गंगा सिंह बच्चों को पढ़ा रहे थे। किंतु सारी सच्चाई जानने के बाद भी वे मौन साधे हुए हैं। उधर नाम न छापने की शर्त पर कुछ ग्रामीणों का कहना है बेवदा प्राथमिक विद्यालय में नियुक्त प्रधानाध्यापक अखिलेश सिंह का ईंट भट्ठा भी है, और उनके नाम पर रनपुर गांव के गंगा सिंह बच्चों को पढ़ाते हैं। इसके एवज में उन्हें कुछ पैसे मिल जाया करते हैं। यह खेल कई वर्षों से चल रहा है। शिक्षा विभाग के अधिकारी सब जानते हैं।

जब इस मामले में अफसरों का पक्ष जानने के लिए बीईओ अवधेश नारायण सिंह और बीएसए श्रीप्रकाश सिंह को फोन किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा।

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 प्रधानाध्यापक अखिलेश कुमार सिंह का कहना है कि प्राथमिक विद्यालय बेवदा में किसान गंगा सिंह के घर के बच्चे भी पढ़ते हैं। वह स्कूल की बेहतरी के लिए कभी कभार यहां पढ़ाने आते है। किंतु उनके स्थान पर काम करने का आरोप पूर्णतः गलत है। लेकिन वह गायब रहने पर कोई जवाब नहीं दे सके।  

वाराणसी मंडल के एडी बेसिक उमेश कुमार शुक्ला को जब स्थानीय पत्रकार ने फोन करके जानकारी दी तो उन्होंने कहा कि प्रधानाध्यापक की जगह बाहरी व्यक्ति का ड्यूटी करना बेहद गंभीर मामला है। यदि ऐसा हो रहा है तो इसकी जांच कर दोषियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी। परिषदीय विद्यालय में इस तरह की मनमानी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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