जिले में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, रोगों के इलाज व जांच में बने मददगार, गांव के लोग कर रहे हैं तारीफ

गर्भावस्था व प्रसव पूर्व जांच और प्रसव की सुविधा,परिवार नियोजन सेवाएं, गर्भनिरोधक गोलियां, कंडोम आदि के महत्व को समझाना, नवजात और बच्चों के स्वास्थ्य, किशोर स्वास्थ्य सुविधा एवं गैर संक्रामक रोगों के प्रबंधन की सुविधा, आंख, नाक, कान व गले से संबंधित बीमारियों का इलाज किया जाता है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का मकसद बीमारियों का प्राथमिक व स्थानीय स्तर पर पता लगाना और समय रहते निदान करना है।
चंदौली जिले में सरकार की इच्छा के अनुरूप समुदाय को अब बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं घर के समीप ही मिलने लगी हैं। इसमें जिले के 179 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यहां तैनात कम्युनिटी हेल्थ आफिसर (सीएचओ) लोगों के उपचार में खास मददगार साबित हो रहे हैं।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वार्इके राय ने बताया कि ‘हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर’ का मुख्य उद्देश्य गांव के सभी लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं घर के निकट ही मुहैया कराना है। इसके साथ ही गंभीर रोगों वाले मरीजों की पहचान करना है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सीएचओ व एएनएम की तैनाती की गयी है। सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर आवश्यक जांच की सुविधा भी उपलब्ध है।
जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक (डीसीपीएम) सुधीर राय ने बताया कि जिले में 179 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर हैं और सभी पर सीएचओ तैनात हैं। इससे आम नागरिकों को चिकित्सकीय सेवाएं आसानी से मिल जा रही हैं। डायबिटीज व ब्लड प्रेशर की जांच मशीन द्वारा यहां हो जाती है। ओरल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर व अन्य गंभीर बीमारियों वाले मरीजों को हायर सेंटर रेफर कराकर उचित इलाज मुहैया कराया जाता है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात स्टाफ सर्वे के दौरान लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की जानकारी एवं जागरूक करना साथ ही लक्षण प्रतीत होने पर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर उपचार प्रारंभ कराया जाता है।
चकिया ब्लॉक की सीएचओ रिंकी ने बताया कि उनके हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के समीप की आबादी लगभग 1014 के करीब है। यहां दूरदराज से भी लोग इलाज कराने के लिए आते हैं। ई-संजीवनी ओपीडी के जरिए मरीज का रजिस्ट्रेशन करते हैं और विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श दिलाते हैं। उन्होंने बताया कि हमारे सेंटर पर 43 तरह की मेडिसिन उपलब्ध हैं । डॉक्टर के परामर्श से हम दवा देते हैं और स्थिति के अनुसार उन्हें मंडलीय चिकित्सालय पर रेफर करते हैं। पहले यहां पर एएनएम द्वारा ही सेवाएं दी जाती थीं। वर्तमान में 12 सेवाएं दी जा रही हैं। सेवाओं के बारे में आशा कार्यकर्ताओं ने समुदाय में प्रचार-प्रसार किया जिसका नतीजा हुआ कि लोग आने लगे। पहले ओपीडी में सिर्फ 200 या 250 मरीज देखे जाते थे अब ओपीडी में 500 से 600 तक मरीज एक महीने में देखे जाते हैं।
इन केंद्रों पर कैंसर, डायबिटीज, क्षय रोग जैसी बीमारियों की स्क्रीनिंग की भी सुविधा है। समय से इन बीमारियों का पता लगाकर सही इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है।
ब्लॉक चकिया की सोनी (32 वर्षीया) ने बताया कि वह पाँच माह की गर्भवती है। गर्भावस्था में नियमित जांच के लिए घर से बहुत दूर जाने में तकलीफ होती थी । घर के पास हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर होने से बहुत आराम है। थोड़ी भी तकलीफ होने पर जांच करा लेती हूँ।
60 वर्षीय मदन लाल ने कहा कि ब्लड प्रेशर (बीपी) का मरीज हूँ। सेंटर पर फ्री में बीपी की जांच हो जाती है व दवा मिल जाती है। बहुत ही अच्छी सुविधा है।
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