DRM साहब देखिए रेल मंडल में कैसे हो रही है मनमानी, वसूली करके कमाने वाले अफसर कर रहे हैं महकमे को बदनाम

खान-पान की जगह फर्श की सफाई की जांच कर रहे 31 स्वास्थ्य निरीक्षक
कई बार शिकायतों के बाद भी खामोश हैं आला अधिकारी
पीडीडीयू मंडल में 5 साल से जांच के लिए नहीं भेजा गया एक भी सैंपल
चंदौली जिले के पं. दीनदयाल उपाध्याय रेल मंडल के स्टेशनों पर तैनात स्वास्थ्य निरीक्षक खान-पान के स्टालों पर खाने की गुणवत्ता की जांच के बजाय पांच साल से फर्श की सफाई की जांच कर रहे हैं। पांच साल में मंडल से खान-पान की सामग्री का एक भी सैंपल जांच के लिए नहीं भेजा गया है।

रेलवे में स्टेशनों पर खान-पान के स्टाल की जिम्मेदारी वाणिज्य विभाग के साथ खान-पान निरीक्षक और स्वास्थ्य निरीक्षकों की तैनाती की गई है। पं. दीनदयाल उपाध्याय मंडल में 31 स्वास्थ्य निरीक्षकों की तैनाती है। इनमें पांच वरिष्ठ मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक शामिल हैं। रेलवे स्टेशन के खान-पान के स्टाल और ट्रेनों के पैंट्रीकार में वेंडरों की वैधता आदि की जांच वाणिज्य विभाग करता है। सुरक्षा के लिए आरपीएफ साथ रहती है। वहीं खाद्य सुरक्षा विभाग को स्टाल पर खाने की क्वालिटी की जांच करनी है। विशेष रूप से खाने में प्रयुक्त होने वाले तेल, चावल, मसाला आदि की जांच की जाती है।
उधर, स्वास्थ्य विभाग को बैक्टीरिया आदि की जांच करनी है। इसके लिए महीने में चार बार स्टाल से पके पकाए भोजन के नमूने एकत्र करने हैं। लैब में इसकी जांच की जानी है।
यही हाल ट्रेनों के पैंट्रीकार की भी है। पैंट्रीकार से महीने में दो नमूने एकत्र करने हैं। सभी विभाग अपना काम कर रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैनात स्वास्थ्य निरीक्षकों की ओर पिछले पांच साल से स्टालों से खाने के नमूने ही एकत्र नहीं किए गए हैं। इसका कारण स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैनात स्वास्थ्य निरीक्षकों को पर्यावरण एवं रखरखाव विभाग (ईएनएचएम) के अधीन कर दिया गया है। पर्यावरण एवं रखरखाव विभाग रेलवे स्टेशनों पर सफाई की निगरानी करता है। ऐसे में स्वास्थ्य निरीक्षक भी खाने की गुणवत्ता की जांच के बजाय सफाई की निगरानी करते हैं।
पूर्व मध्य रेलवे के सोनपुर सहित अन्य मंडलों में स्वास्थ्य निरीक्षकों से रेलवे बोर्ड के नियमों के अनुरूप जन स्वास्थ्य को देखते हुए खाद्य सामग्रियों और पानी की शुद्धता की जांच कराई जा रही है। प्रयागराज मंडल में भी स्वास्थ्य निरीक्षक खान-पान की जांच करते हैं।
दूसरी तरफ पीडीडीयू मंडल में स्वास्थ्य निरीक्षक अपने पद के अनुरूप कार्य नहीं कर रहे हैं। उनसे प्लेटफॉर्म आदि की सफाई करने वाले प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों का ठेकेदार बनाकर केवल मेट के रूप में काम कराया जा रहा है।

पीडीडीयू रेल मंडल के वरीय मंडल वाणिज्य प्रबंधक राजीव रंजन ने बताया कि रेलवे स्टेशन के स्टेशन के स्टालों पर खान-पान की लगतार जांच होती है। स्वास्थ्य निरीक्षकों को जांच का अधिकार न मिलने का मामला संज्ञान में है। इसपर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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