सरकारी स्कूलों के रसोइयों का पैसा भेजना भूल गयी योगी सरकार, बिना मानदेय के कैसे मनाएंगी होली
परिषदीय विद्यालयों में भोजन पकाने वाली रसोइयों का मन उदास
4 माह से नहीं मिल रहा मानदेय
अफसरों से पूछा- साहब हम लोग कैसे मनाएं होली का त्यौहार
चंदौली जिले के परिषदीय विद्यालयों में मध्याह्न भोजन (एमडीएम) पकाने वाली रसोइयों को चार माह का मानदेय नहीं मिला है जिसके कारण इनकी होली फीकी पड़ गई है। एक ओर जहां विभाग के सारे लोग गुजिया व रंग से अपनी होली रंगीन कर रहे हैं, वहीं रसोइयों को पिछले 4 महीने से अपने मानदेय का इंतजार है।
आपको बता दें कि जिले की कुल चार हजार 900 रसोइयों को साल में नौ माह के लिए कुल 18 हजार रुपये प्रत्ति रसोइया मानदेय मिलता है। इसमें दो हजार रुपये प्रति माह की दर से पांच माह का 10 हजार रुपये तो समय से मिल गया लेकिन चार माह का आठ हजार रुपये नहीं मिला। यानी चार हजार रसोइयों का 3. 92 करोड़ भुगतान बाकी है। कई बार भुगतान के लिए मांग की गई लेकिन अभी तक भुगतान नहीं हुआ है।
रसोइयों का कहना है कि जिला बेसिक कार्यालय में कई बार मानदेय की मांग की गई, जवाब में अधिकारियों ने होली तक मिलने का आश्वासन भी दिया लेकिन मानदेय नहीं मिला। जिले में कुल चार हजार 900 रसोइया हैं जो परिषदीय विद्यालयों में मध्याह्न भोजन पकाने के साथ ही स्कूल परिसर में साफ सफाई का भी काम करती हैं। साल में प्रति रसोईया को दो हजार रुपये प्रति माह की दर से 18 हजार रुपये मानदेय मिलता है जो दिल्ली, गुजरात, पंजाब जैसे राज्यों में मिलने वाले मानदेय का आधा भी नहीं हैं। लेकिन इस बार यह मंडे भी नहीं मिला जिससे हमारी होली का त्यौहार फीका पड़ गया है।
इस सम्बन्ध में जीरा देवी का कहना है कि सरकारी रिकार्ड में नौ माह का ही मानदेय मिलता है लेकिन हमें 10 माह तक विद्यालय में बुलाया जाता है और खाना बनवाने के अलावा सफाई का काम भी कराया जाता है। उसके बाद भी मानदेय ना मिलने से हमें बहुत परेशानी होती है।
इस सम्बन्ध में जिला समन्वयक, एमडीएम नीरज कुमार सिंह ने बताया कि बजट के अभाव में जिले की रसोइयों को उनका मानदेय नहीं मिल पाया है। इसकी सूचना निदेशालय को भेजी गई है। बजट प्राप्त होने पर मानदेय दिया जाएगा।
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