होम्योपैथी के जन्मस्थान जर्मनी में चंदौली के होम्योपैथ चिकित्सकों की गूंज

ग्लोबल होम्योपैथी समिट 3 में चंदौली के चिकित्सकों ने बढ़ाया भारत का मान
डॉ. अभिमन्यु पांडेय, डॉ. कृपा शंकर पांडेय और डॉ. रिद्धि पांडेय हुए सम्मानित
25 से अधिक देशों के होम्योपैथ विशेषज्ञ हुए एकत्र
चंदौली जिले में होम्योपैथी डॉक्टरो के लिए सपनों का देश जर्मनी में विगत 11 अप्रैल शुक्रवार को महत्मा हैनिमेन के 270 वें जन्मदिन के अवसर पर ग्लोबल होम्योपैथी समिट 3 का आयोजन किया गया। जिसमे दुनिया के 25 से अधिक देशों के होम्योपैथ महारथी महत्मा हैनौमेन के जन्मदिन स्थल पे एक छत के निचे भारतीय होम्योपैथी के स्वर्णिम काल का शंखनाद हुआ। जिसमे चंदौली के डॉ. अभिमन्यु पांडेय उनके पिता डॉ कृपा शंकर पांडेय एवं पत्नी डॉ रिद्धि पांडेय को सम्मानित किया गया और यह चंदौली के लिए ही नहीं पूरे पूर्वांचल के लिए गर्व का विषय है। क्योंकि चंदौली जैसे छोटे जनपदों में केवल तीन ही चिकित्सक को चुना गया ।

भारतीय चिकित्सकों ने दुनिया को ये सन्देश दे दिया कि होम्योपैथी भारत का अध्यात्म और जर्मनी का विज्ञान है, भारत इस चिकित्सा पद्धति का ना सिर्फ़ ध्वजा वाहक है बल्कि यह विश्व स्वास्थ में योगदान देने में अग्रणी भी है। भारत ही यूरोप और विश्व को इस चिकित्सा पद्धति का वैज्ञानिक और तार्किक दृष्टिकोण प्रदान करने की क्षमता रखता है ।

इस कार्यक्रम में इंग्लैंड क्रिकेट टीम के विश्व कप विजेता टीम के कप्तान इयोन मॉर्गन, नेटफ्लिक्स पे होम्योपैथी के जादुई असर पे आने वाली डोक्यूमेंट्री के सभी चिकित्सक, यूएसए से डॉ लारी, ब्राज़ील से डॉ डॉली, यूनाइटेड किंगडम से डॉ मूरे आदि की उपस्थिति के साथ चर्चित वेब सीरीज मनी हैइस्त के नामचीन कलाकारों की उपस्थिति रही।
वहीं डॉ अभिमन्यु पाण्डेय की माने तो वे सारा श्रेय अपने मरीजों को देते है जो संतुष्ट होकर और ईलाज के बाद पूरी तरह से ठीक होकर जाते है। वहीं कोरोना काल मे चिकित्सक परिवार ने टेलीमेडिसिन के माध्यम से लोगो की सेवा की है। वही समय समय पर फ्री हेल्थ चेकअप लगाकर भी इनके द्वारा सेवा दिया जाता है।
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