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यात्रीगण ध्यान दें..ये हैं पुरानी ट्रेनों को बदलने का नया प्लान, अब चलेंगी 4 तरह ट्रेनें

भीड़ और जरूरत को देखते हुए बोगियों की संख्या घटाई बढ़ाई जा सकती है। किराया सामान्य ट्रेनों की तरह होगा, लेकिन सुविधाएं अत्याधुनिक होंगी। वंदे भारत मेट्रो पर काम तेजी से चल रहा है।
 

छोटी दूरी के लिए चलेंगी वंदे भारत मेट्रो

मध्यम दूरी के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस

लंबी दूरी के लिए दो तरह की ट्रेनों का प्लान

जानिए कैसी होगी वंदे भारत स्लीपर और अमृत भारत एक्सप्रेस

भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण अभियान के तहत पुराने संस्करण की ट्रेनें पीछे छूट जाएंगी और सारी की सारी ट्रेनें नए स्वरूप में आ जाएंगी। पटरियों पर अब चार तरह की यात्री ट्रेनें दौड़ेंगी। छोटी दूरी के लिए वंदे भारत मेट्रो, मध्यम दूरी के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस एवं लंबी दूरी के लिए दो तरह की ट्रेनें चलाई जाएंगी वंदे भारत स्लीपर और अमृत भारत एक्सप्रेस।


आपको बता दें कि वंदे भारत ट्रेनों को अगले पड़ाव पर ले जाने की तैयारी है। रेलवे अब इन्हीं चार संस्करणों में सारी ट्रेनें बनाने में जुटा है। अगले सात-आठ वर्षों में सारी ट्रेनों को बदल देने की तैयारी है। वंदे भारत मेट्रो में कम से कम चार और अधिक से अधिक 16 ओगियां होंगी। यह उन बड़े शहरों के लिए चलाई जाएंगी, जिनके आसपास लगभग 100-200 किमी की दूरी पर कोई दूसरा शहर या उपनगर होगा। इसका फर्स्ट लुक सामने आ चुका है। छोटे शहरों से बड़े शहरों में नौकरी या कारोबार करने के लिए रोजाना आने-जाने वाले ट्रेन यात्रियों को इससे सुविधा होगी। जैसे पटना से गया, दिल्ली से मेरठ, आगरा से मथुरा, लखनऊ से कानपुर जैसे शहरों के बीच यह ट्रेन चलाई जाएगी।

बताते चलें कि भीड़ और जरूरत को देखते हुए बोगियों की संख्या घटाई बढ़ाई जा सकती है। किराया सामान्य ट्रेनों की तरह होगा, लेकिन सुविधाएं अत्याधुनिक होंगी। वंदे भारत मेट्रो पर काम तेजी से चल रहा है। 50 ट्रेनें लगभग तैयार हैं। जुलाई में परीक्षण के लिए पहली ट्रेन आ भी जाएगी। इसके लिए देशभर के 124 रूटों की पहचान कर ली गई है। मेट्रो की तर्ज पर ही वंदे मेट्रो की भी गति अधिकतम 130 किमी प्रतिघंटा होगी। इसकी एक बोगी में करीब सौ सीटें बैठने की होंगी और दो सौ लोग खड़े होकर यात्रा कर सकते हैं।

500 किमी से 800 किमी के बीच के दो शहरों में आने-जाने के लिए मध्यम दूरी की वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इसकी अधिकतम गति 160 किमी प्रतिघंटा है, किंतु बढ़ाकर दो सौ किमी करना है। अभी ऐसी ट्रेनों की संख्या 75 है। इसे बढ़ाकर चार सौ करना है।

भारतीय रेलवे द्वारा लंबी दूरी के लिए दो तरह की ट्रेनें डिजाइन की जा रही हैं। वंदे भारत स्लीपर को लगभग आठ सौ किमी से अधिक दूरी की यात्रा के लिए चलाया जाएगा। इसमें यात्री सोकर भी जा सकते हैं। दूसरी ट्रेन अमृत भारत एक्सप्रेस होगी, जो बिना एसी की होगी। इन्हें उन रूटों पर चलाया जाना है, जहां वेटिंग की समस्या ज्यादा है और रोजाना बड़ी संख्या में यात्री बड़े शहरों के लिए प्रस्थान करते हैं। इन दोनों ट्रेनों को अधिकतम गति से चलाने की तैयारी है। दोनों तरह की ट्रेनों में कम से कम 12 एवं अधिक से अधिक 16 बोगियां होंगी।

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