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चंदौली जिले में बनने जा रहा है एकीकृत जिला न्यायालय भवन, 325 करोड़ की पहली किश्त जारी

इस परियोजना की जिम्मेदारी तमिलनाडु की मेसर्स पी एंड सी प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड और दिल्ली की श्री आर कंस्ट्रक्शन साल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को सौंपी गई है। दोनों कंपनियां मिलकर भवन निर्माण का कार्य करेंगी।
 

511 करोड़ की लागत से होगा कोर्ट परिसर का पूरा निर्माण

28 वर्षों बाद अधिवक्ताओं का संघर्ष हुआ सफल

अब नहीं करनी होगी कोर्ट-कचहरी के लिए भागदौड़

एक ही परिसर में मिलेंगी सभी न्यायिक सुविधाएं

जिले की कुल 37 अदालतें होंगी स्थापित

चंदौली जिले के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित एकीकृत जिला न्यायालय भवन के निर्माण को आखिरकार शासन से हरी झंडी मिल गई है। करीब 28 वर्षों के संघर्ष और इंतजार के बाद जिले को यह महत्वपूर्ण सौगात मिलने जा रही है। 511 करोड़ की परियोजना के पूरा होने और न्यायालय भवन की स्थापना से न सिर्फ अधिवक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि वादकारियों को भी न्याय के लिए अब इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा।

पहले चरण में 325 करोड़ की राशि स्वीकृत
शासन ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 511 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है, जिसमें से 325 करोड़ की पहली किस्त पहले ही जारी कर दी गई है। यह राशि निर्माण कार्यों के प्रारंभिक चरण के लिए उपलब्ध कराई गई है, जिससे परियोजना जल्द ही धरातल पर उतर सके।

तमिलनाडु और दिल्ली की कंपनियों को मिली जिम्मेदारी
इस परियोजना की जिम्मेदारी तमिलनाडु की मेसर्स पी एंड सी प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड और दिल्ली की श्री आर कंस्ट्रक्शन साल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को सौंपी गई है। दोनों कंपनियां मिलकर भवन निर्माण का कार्य करेंगी, जबकि लोक निर्माण विभाग (PWD) निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और मानक की निगरानी करेगा।

District Court building

डेढ़ साल में निर्माण कार्य पूर्ण करने का प्लान
प्रस्तावित समयसीमा के अनुसार यह न्यायालय भवन लगभग 18 माह यानी एक वर्ष छह माह में बनकर तैयार होगा। इस एकीकृत न्यायालय परिसर में कुल 37 अदालतें स्थापित की जाएंगी, जिनमें विभिन्न प्रकार के मामलों की सुनवाई की व्यवस्था होगी।

एकीकृत परिसर से मिलेगी बड़ी राहत
वर्तमान में जिले की अदालतें उभांव और अन्य भवनों में अलग-अलग स्थानों पर संचालित हो रही हैं, जिससे वादकारियों, अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। नए भवन के बन जाने से एक ही परिसर में सभी अदालतों की सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी।

न्यायिक व्यवस्था को मिलेगा नया आयाम
चंदौली जनपद की लगभग 24.50 लाख आबादी को न्यायिक सुविधा मुहैया कराने के लिए यह भवन मील का पत्थर साबित होगा। मुगलसराय विधायक रमेश जायसवाल के प्रयास और अधिवक्ताओं की लगातार चली लंबी लड़ाई और आंदोलन आखिरकार सफल साबित हुए। न्यायिक अधिकारियों द्वारा एकीकृत न्यायालय परिसर का प्रस्ताव पहले ही तैयार कराया जा चुका था, जिस पर अब अमल शुरू हो चुका है।

बिजली के लिए खर्च होंगे एक करोड़ 
इसके साथ ही साथ बिजली के लिए खर्च होंगे एक करोड़ एकीकृत न्यायालय परिसर में निर्वाध रूप से बिजली आपूर्ति हो सके। इसके लिए वाह्य बिजली संयोजन भी होगा। इस पर करीब एक करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके लिए उप्र प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) से विद्युत संयोजन का एस्टीमेट तैयार कराया गया है।

ऐसी होंगी सुविधाएं
ऐसा होगा न्यायालय भवन इस एकीकृत अदालत परिसर में जिला, अधीनस्थ न्यायालय, वाणिज्यिक न्यायालय, विधिक प्राधिकरण कार्यालय, ट्रिब्यूनल, फास्ट ट्रैक कोर्ट व लोक अदालत आदि होंगी। साथ ही यहां न्यायालय भवन, अधिवक्ता चेंबर, सभागार के अलावा न्यायिक अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए आवासीय कालोनी की सुविधा भी मिलेगी। अदालतों के कक्ष दिव्यांगजन हितैषी व बाघारहित होंगे।

इस संबंध में प्रमुख सचिव (प्लानिंग) आलोक कुमार ने बताया कि एकीकृत न्यायालय भवन के निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था के चयन व टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। लोक निर्माण विभाग भवन निर्माण की निगरानी करेगा। जिलाधिकारी व संबंधित विभाग को इस बाबत पत्र जारी कर दिया।

चंदौली में न्यायिक अवसंरचना के लिहाज से यह एक ऐतिहासिक कदम है। इससे न केवल जिले की छवि में सुधार आएगा, बल्कि जनता को त्वरित और सुविधाजनक न्याय दिलाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण प्रगति होगी। अब देखना यह होगा कि निर्माण कार्य तय समयसीमा में पूरा होता है या नहीं, लेकिन शुरुआत ने उम्मीदों को पंख दे दिए हैं।

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