प्रधानमंत्री की मंशा को नैढ़ी गांव में ठेंगा दिखा रहे हैं ठेकेदार व अधिकारी, चहनिया ब्लॉक के इस गांव दम तोड़ रही 'हर घर जल' योजना

दो साल से अधूरी पड़ी ओवरहेड टैंक की नींव
सरिया में लगता जा रहा जंग
जल जीवन मिशन के तहत नहीं हो रहा है कोई काम
विभागीय लापरवाही की भेंट चढ़ती योजना
देश विदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिल जल जीवन मिशन का गुणगान कर रहे हैं और मन की बात में सराहना कर रहे हैं, उसी मिशन की चंदौली जिले में चहनियां ब्लॉक के नैढ़ी गांव में हालत खस्ता हो गयी है। जल जीवन मिशन के तहत शुरू की गई ‘हर घर जल’ योजना विभागीय अफसरों व ठेकेदारों की लापरवाही की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। गांव में वर्ष 2023 में ओवरहेड टैंक के निर्माण की नींव रखी गई थी, लेकिन दो साल बीतने के बाद भी कार्य अधर में लटका है। टैंक की नींव में लगे सरिए अब जंग खा रहे हैं, जिससे निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि योजना की शुरुआत के समय उम्मीद जगी थी कि जल्द ही शुद्ध पेयजल मिलेगा, लेकिन अब हालात यह हैं कि विभागीय अधिकारी सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं और जमीन पर कोई प्रगति नहीं दिख रही। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत कर जांच कराने की मांग उठाई है।

टंकी अधूरी, पाइपलाइन और सोलर उपकरणों का भी नामोनिशान नहीं
नैढ़ी गांव के अलावा चहनियां ब्लॉक के अन्य गांवों में भी जल जीवन मिशन के तहत ट्यूबवेल, पाइप लाइन और सोलर सिस्टम जैसे कार्य अधूरे पड़े हैं। नैढ़ी में ट्यूबवेल की बोरिंग के बाद ओवरहेड टैंक के लिए सिर्फ फाउंडेशन बनाकर कार्य रोक दिया गया है। न पाइप लाइन बिछी, न ही सोलर सिस्टम लगाया गया।
ग्रामीणों की मानें तो गांव की आबादी 5000 से अधिक है। गर्मी के दिनों में जल संकट भयावह रूप ले लेता है। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को काफी परेशानी होती है। कुछ परिवार निजी सबमर्सिबल से काम चला रहे हैं, जबकि बाकी हैंडपंप के भरोसे हैं। कई बार हैंडपंप भी जवाब दे जाते हैं।
करोड़ों की लागत, लेकिन नतीजा शून्य
बताया गया कि इस योजना के तहत करोड़ों रुपये खर्च कर टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है, फिर भी काम ठप पड़ा है। ग्रामीणों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय को पत्रक सौंपकर योजना को पूर्ण कराने की गुहार भी लगाई थी। उनके प्रयास से निर्माण कार्य शुरू हुआ, लेकिन दो साल में फाउंडेशन तक ही सीमित रह गया।
ग्रामीणों ने जताई नाराजगी
रवि प्रकाश का कहना है, “अधिकारी सिर्फ दिलासा दे रहे हैं। सरकार को इस योजना को गंभीरता से लेना चाहिए।
संजय कहते हैं पानी की समस्या वर्षों से है। कई योजनाएं आईं लेकिन अधूरी रह गईं। टंकी बनवाकर आपूर्ति शुरू होनी चाहिए।
हीरा ने कहा हैंडपंप ही एकमात्र सहारा है। लोग लाइन लगाकर पानी भरते हैं। उम्मीद थी कि टंकी से राहत मिलेगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
शेरू और आरिफ ने कहा कि जब निर्माण शुरू हुआ तो लगा कि गर्मियों में राहत मिलेगी, लेकिन काम अधूरा छोड़ दिया गया।
रामाशीष ने बताया कि बारिश के दिनों में दूषित पानी पीने को मजबूर होना पड़ता है। गांव में पेयजल की व्यवस्था बेहद खराब है।
शासन-प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में
जल जीवन मिशन जैसी महत्वाकांक्षी योजना पर यदि समय से काम न हो तो यह शासन की प्राथमिकता और प्रशासन की सक्रियता पर सवाल खड़े करता है। नैढ़ी जैसे गांवों में यदि योजनाएं कागजों में सिमट जाएं तो जल संकट ग्रामीणों की रोजमर्रा की बड़ी समस्या बन जाती है। ज़रूरत इस बात की है कि संबंधित विभाग तुरंत सक्रिय होकर इस योजना को पुनः गति दे।
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