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अधिकारियों के लापरवाही से परेशान किसानों ने किसान दिवस का किया बहिष्कार, अफसरों की मनमानी से हैं नाराज

किसान नेताओं का आरोप है कि विभागीय उच्च अधिकारी नहीं आते हैं और जेई आदि को भेज कर बस किसान दिवस की खानापूर्ति करते हैं।
 

किसानों का सिंचाई विभाग पर खास आक्रोश

किसी भी समस्या के लिए पहल नहीं करते अधिकारी

केवल मीटिंग के नाम पर होती है खानापूर्ति

जानिए आज क्यों आक्रोशित हो गए किसान नेता

चंदौली जनपद के कलेक्ट्रेट सभागार में महीने में बुधवार को आयोजित होने वाले किसान दिवस का आज किसान नेताओं के साथ किसानों ने बहिष्कार करते हुए जमकर नारेबाजी किया। किसान नेताओं का आरोप है कि विभागीय उच्च अधिकारी नहीं आते हैं और जेई आदि को भेज कर बस किसान दिवस की खानापूर्ति करते हैं।

किसानों का आरोप है कि पिछले 2 साल से किसी भी मामले का निस्तारण नहीं होने के कारण अब किसान दिवस का बहिष्कार किया जाएगा। सूचना के बाद तत्काल मुख्य विकास अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसानों को मनाने की कोशिश किया लेकिन किसान विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से परेशान होकर किसान दिवस का बहिष्कार करते ही रहे।

kisan diwas boycotte

आपको बता दें कि चंदौली जनपद को कृषि बाहुल्य क्षेत्र धान का कटोरा कहा जाता है। यहां खेती पर ही किसानों की अर्थव्यवस्था निर्भर हैं। लेकिन अधिकारियों के लापरवाही और हीलाहवाली के कारण किसानों की समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। बुधवार को आयोजित होने वाले किसान दिवस में किसान यूनियन के नेताओं एवं किसानों द्वारा अधिकारियों की लापरवाही और मनमानी के चलते कलेक्ट्रेट सभागार से किसान दिवस का बहिष्कार करते हुए बाहर निकल गए और धरने पर बैठकर नारेबाजी भी किया।

kisan diwas boycotte

सूचना के बाद तत्काल मुख्य विकास अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। वहीं जिला कृषि अधिकारी सहित अन्य अधिकारी किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन किसान समझने के लिए तैयार नहीं हुए और कहे जब तक अधिकारियों के कार्यशैली में सुधार नहीं होगा तब तक किसान दिवस का बहिष्कार होगा।

इस मौके पर किसान नेता दीनानाथ श्रीवास्तव ने बताया कि दो-दो साल से किसानों की समस्याओं के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया है, लेकिन उसमें कोई सुनवाई नहीं हो रही है ना कोई प्रगति है। ऐसे किसान दिवस का क्या औचित्य है। जब अधिकारी किसानों की समस्याओं का निस्तारण नहीं कर सकते तो खानापूर्ति अब नहीं होगी, इसका बहिष्कार होगा।

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वहीं किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष शेषनाथ यादव ने बताया कि सिंचाई विभाग,लघु डाल,सहित कई अधिशाषी अभियंता मौके पर नहीं आते हैं और अपने मातहत अधिकारी कर्मचारी को भेज कर मामले की खानापूर्ति कराते हैं। उच्च अधिकारियों के न रहने के कारण समस्या का निस्तारण नहीं हो पता है,जिससे किसान पीड़ित का पीड़ित ही रहता है। ऐसे अधिकारियों पर नकेल कसने की जरूरत है।उनके खिलाफ कार्यवाही भी की जानी चाहिए।

वहीं मुख्य विकास अधिकारी आर जगत सांई ने बताया कि जनपद के किसानों की विभिन्न समस्याओं के त्वरित निस्तारण एवं संबंधित विभागों की प्रगति की समीक्षा हेतु आज आयोजित होने वाली किसान बंधु व सिंचाई बंधु की समीक्षा बैठक अनिवार्य कारणवश स्थगित कर दी गई है।

यह बैठक जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे की अध्यक्षता में आयोजित की जानी थी, परंतु उनके स्थानांतरण व नवीन तैनाती के कारण यह बैठक अस्थायी रूप से स्थगित की गई है। नवागत जिलाधिकारी के कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात नई तिथि की घोषणा शीघ्र ही की जाएगी। बैठक की अगली तिथि निर्धारित होते ही सभी संबंधित पक्षों को सूचित किया जाएगा।

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