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विश्व मृदा दिवस समारोह: चंदौली के किसानों ने ली मिट्टी की सेहत सुधारने की प्रतिज्ञा

केंद्र द्वारा आयोजित पांच दिवसीय फसल अवशेष प्रबंधन प्रशिक्षण का भी सफलतापूर्वक समापन किया गया। इस कार्यक्रम में जनपद के 150 से अधिक महिला एवं पुरुष कृषकों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया।
 

कृषि विज्ञान केंद्र में फसल अवशेष प्रबंधन पर प्रशिक्षण संपन्न


'विश्व मृदा दिवस' पर मिट्टी की जांच कराने का संकल्प


वरिष्ठ भाजपा नेता आर.पी. पांडेय की सलाह


किसान अपने स्वास्थ्य की तरह मिट्टी का भी चेकअप कराएं

चंदौली जिले में आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), चंदौली में शुक्रवार को विश्व मृदा दिवस समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इसी के साथ, केंद्र द्वारा आयोजित पांच दिवसीय फसल अवशेष प्रबंधन प्रशिक्षण का भी सफलतापूर्वक समापन किया गया। इस कार्यक्रम में जनपद के 150 से अधिक महिला एवं पुरुष कृषकों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया।

मृदा दिवस पर मिट्टी जांच का संकल्प
विश्व मृदा दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ भाजपा नेता, चंदौली, श्री आर.पी. पांडे उपस्थित थे। उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह हम अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं, उसी तरह हमें अपनी मिट्टी के स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक रहना चाहिए।

 

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कृषि विज्ञान केंद्र चंदौली में विश्व मृदा दिवस समारोह

श्री पांडे ने किसानों से मृदा दिवस पर संकल्प लेने का आह्वान किया कि वे अपनी मृदा की जांच स्वयं कराएँ और मिट्टी की रिपोर्ट के आधार पर ही संतुलित तरीके से खेती करें। उन्होंने रासायनिक खादों के अंधाधुंध उपयोग पर चिंता व्यक्त की और मृदा स्वास्थ्य को बनाए रखने पर जोर दिया।

डॉक्टर की तरह कराएं मिट्टी का चेकअप
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र रघुवंशी ने अपने संबोधन में किसानों की तुलना उन लोगों से की जो अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होते हैं। उन्होंने कहा कि किसान जिस तरह अपने स्वास्थ्य का चेकअप कराते हैं, उसी तरह अपनी मिट्टी के स्वास्थ्य की भी जांच कराएं।

डॉ. रघुवंशी ने समझाया कि मिट्टी की जांच से यह पता चलता है कि मृदा में किस तत्व की अधिकता है और किस तत्व की कमी है। इसी वैज्ञानिक आधार पर खाद का प्रयोग करना चाहिए ताकि फसल उत्पादन बेहतर हो और मिट्टी की उर्वरता बनी रहे।

वैज्ञानिकों ने दिया समसामयिक मार्गदर्शन
कार्यक्रम के दौरान केंद्र के वैज्ञानिकों ने किसानों को बहुमूल्य जानकारी दी:--

  • डॉ. चंदन (मृदा वैज्ञानिक): उन्होंने किसानों को विस्तार से बताया कि मिट्टी की जांच कब, क्यों और कैसे करें।
  • डॉ. अभयदीप गौतम (वरिष्ठ वैज्ञानिक): उन्होंने कृषकों को समसामयिक खेती के बारे में जानकारी दी ताकि बदलते मौसम में वे अपनी फसलों को बचा सकें।
  • डॉ. अमित सिंह: उन्होंने किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया, जो मिट्टी और मानव स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभकारी है।
  • श्री मनीष सिंह (उद्यान वैज्ञानिक): उन्होंने किसानों को फल, फूल, सब्जी एवं अन्य पौधों के बारे में विस्तृत जानकारी दी, ताकि वे खेती में विविधता ला सकें।

इस कार्यक्रम में उप कृषि निदेशक श्री भीम सेन, जिला उद्यान अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी और कृषि विज्ञान केंद्र के सभी वैज्ञानिकों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया। यह कार्यक्रम चंदौली के किसानों को वैज्ञानिक और टिकाऊ खेती की ओर बढ़ने के लिए एक मजबूत प्रेरणा साबित हुआ।
 

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