पानी टंकी का सेंट्ररिंग कर रहा मजदूर गिरा, हालत गम्भीर होने पर ट्रॉमा सेंटर रेफर

ऊंचाई पर कार्य करें मजदूरों को नहीं दी जाती सुरक्षा बेल्ट
घोर लापरवाही में कराया जाता है काम
इटवा गांव में नहर के पास निर्माणाधीन पानी टंकी
चंदौली जिले के चहनिया इलाके में केंद्र सरकार द्वारा नमामि गंगे जल जीवन मिशन के तहत हर घर घर नल से शुद्ध जल पहुंचाने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायतों में पानी टंकी का निर्माण कार्य डिजायर जेइनफ्रा कंपनी द्वारा कराया जा रहा है। कंपनी द्वारा ठेकदारों को बनवाने कि जिम्मेदारी दी गई है। ठेकेदार की की घोर लापरवाही से बलुआ थाना क्षेत्र के इटवा गांव में नहर के पास मंगलवार को बरेली के गिलौरी गांव निवासी मजदूर राजविर (उम्र 27) पिता कल्लू पानी टंकी पर टाप ब्रिंस पर सेट्रीरिंग बांधने का कार्य कर रहा था कि पैर फिसलने से 50फुट उपर से जमीन पर गिर गया, जिससे वह बुरी तरह से घायल होकर छटपटाने लगा।

वहीं कार्य कर रहे मजदूरों ने भागकर ग्राम प्रधान सिद्धार्थ कुमार मौर्य को इसकी जानकारी दी। तब प्रधान ने तत्काल घायल मजदूर को चंदौली ले जाकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां मजदूर की हालत बहुत गंभीर देखते हुए डाक्टरों ने वाराणसी ट्रॉमा सेन्टर रेफर कर दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी के ठेकेदार द्वारा कार्य कर रहे मजदूरों को सेफ्टी बेल्ट भी नहीं दिया गया है। पानी टंकी का निर्माण में ऊंचाई पर कराने के लिये बांस का सहयोग लिया जा रहा है, जबकि ऐसे कामों लोहे के फाइनल वेल्डिंग कर मजबूत से खड़ा किया जाता है, ताकि वह स्थाई रहे और मजदूर अपना काम कर सके। लेकिन ठीकेदार अपनी बचत के लिये मजदूरों के साथ उनके जान के साथ खिलवाड़ करते हैं ।
घर चलाने के लिये रुपये की जरुरत होती मजदूरों की यही कमाई जिससे मजदूर जान जोखिम में डालकर कार्य करने को मजबूर हैं। उन्होंने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि ग्राम पंचायत में बन रही सभी जल निगम टंकी की जांच करने के साथ साथ सुरक्षा की व्यवस्थाओं के भी ऊपर भी ध्यान पूर्वक अतिसंवेदनशीलता को देखते हुए उसके आवश्यकता को ध्यान में रखकर न्यायोचित निर्णय लेने की मांग की है।
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