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पता नहीं कैसे चल रहा है 60 दिनों वाला अभियान, आ्खिर कौन पकड़ रहा है सड़कों के आवारा गोवंश

चंदौली जिले में बेसहारा गोवंश के लिए 60 दिनी अभियान चलाकर उनका संरक्षण व संवर्धन किया जाना है। एक पखवारा वाद भी इस अभियान का असर दिखाई नहीं दे रहा है।
 

प्रदेश सरकार के अभियान की मीटिंग कर भूले डीएम साहब

सड़कों पर हर जगह दिख रहे जानवर

इनको पकड़ने की जिम्मेदारी नहीं है फिक्स

लक्ष्य पूरा करने का किया जा रहा है दावा

 

चंदौली जिले में बेसहारा गोवंश के लिए 60 दिनी अभियान चलाकर उनका संरक्षण व संवर्धन किया जाना है। एक पखवारा वाद भी इस अभियान का असर दिखाई नहीं दे रहा है। अभियान का संकलन धीमी गति से हो रहा, जबकि सड़कों पर बेसहारा गोवंश विचरण कर रहें हैं। अब तक अभियान में लगभग 50 गोवंश ही गोशाला भेजे जा सके हैं, जबकि जिले भर में 1500 गोवंशों को पकड़ने का लक्ष्य हैं। 


हालांकि, विभाग ने गोवंश को पकड़कर गोशालाओं में भेजे जाने का दावा किया है। शहर, देहात में जो हालात है, उनको देखकर यही लगता है कि दावे केवल कागजों में चल रहे हैं। शायद ही कोई ऐसी गली होगी जहां बेसहारा गोवंश घूमता न दिखाई दे। 


जिला प्रशासन की ओर से जनपद में बेसहारा गौवंश के संरक्षण के लिए 17 गो आश्रय स्थलों का निर्माण कराया गया है। वर्तमान में इन आश्रय स्थलों में 1250 गोवंश का संरक्षण किया जा रहा है। वहीं प्रत्येक विकासखंड में दो-दो अस्थायी गोशाला का निर्माण कराया गया है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर इन आश्रय स्थलों में गोवंश का संरक्षण किया जा सके, इसके बाबजूद शायद ही ऐसी कोई गली हो जहां बेसहारा गोवंश घूमते न दिखाई दे जाएं।

आपको बता दे की गोवंशों की संरक्षण के नाम पर कोई ठोस कारवाई नहीं हो पा रही है। आज हर बाजार में और जीटी रोड पर इसकी हकीकत देख सकते हैं। फिर अधिकारी अपने कागजी दावे कर रहे हैं।

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