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हत्या के मामले में महिला समेत 3 को आजीवन कारावास, 1996 में हुयी थी राम अनन्त सिंह उर्फ कवि की हत्या

बाद में मचे शोरगुल से गांव के बहुत से लोग जुट गए। अंदर जाकर देखा गया तो उनके घर में काफी खून गिरा हुआ था और राम अनन्त की लाश गोइठा के नीचे दबी पड़ी थी। बताया गया कि आरोपी घर में ही लाश को फूँकने की तैयारी कर रहे थे।
 

चकिया के रामपुर कला में राम अनन्त सिंह उर्फ कवि की हत्या का मामला

26 वर्ष पुराने हत्या के मामले में सजा

पति-पत्नी और देवर ने मिलकर की थी हत्या

जानिए क्या था पूरा मामला  

चंदौली जिले में एक 26 वर्ष पुराने हत्या के मामले में दोषियों को हुई आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है। साथ ही साथ प्रत्येक अभियुक्तों को 15000-15000 का जुर्माना भी अदा करना होगा। अवैध सम्बन्धों को लेकर की गयी इस हत्या में 3 लोगों को यह सजा सुनायी गयी है।
     

मामला चंदौली जिले के चकिया थाना अंतर्गत 26 सितंबर 1996 का है, जिसमें रामपुर कला निवासी राम अनन्त सिंह उर्फ कवि की हत्या अवैध सम्बन्धों को लेकर सर्फराजी देवी पत्नी सुक्खू, सुक्खू पुत्र सुक्खन व बेचू बियार द्वारा कर दी गयी थी। इस मामले में धारा 302 के तहत मृतक के पट्टीदार दिवाकर सिंह द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।    

Murder Case

मामले में बताया गया कि राम अनन्त सिंह का अवैध सम्बन्ध सुक्खू की पत्नी समराजी उर्फ सर्फराजी से था, जिसके चलते समराजी उर्फ सर्फराजी बच्चों सहित अपने मायके में ही रह रही थी। समराजी से अवैध संबंध के चलते उसके पति सुक्खू व समराजी का भाई बेचू रंज मानते रहे। जिसके चलते 25 सितंबर 1996 को लगभग 2 बजे दोपहर में आरोपियों ने रमा अनन्त सिंह की हत्या उन्हीं के घर में कर दी। शोरगुल की आवाज पर लोग राम अनन्त के घर के समीप पहुँचे तब मुल्जिमान को मृतक के घर से अस्त व्यस्त हालत में निकलकर भागते हुए देखा। 

बाद में मचे शोरगुल से गांव के बहुत से लोग जुट गए। अंदर जाकर देखा गया तो उनके घर में काफी खून गिरा हुआ था और राम अनन्त की लाश गोइठा के नीचे दबी पड़ी थी। बताया गया कि आरोपी घर में ही लाश को फूँकने की तैयारी कर रहे थे। मौके पर असलहा भी पड़ा हुआ मिली था। इसके बाद घटना की सूचना राम अनन्त उर्फ कवि के ससुराल मौजा पिपरिया में दी गयी और पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की।

इस दौरान  न्यायालय में मुकदमे के विचारण के दौरान कुल 9 साक्षी पेश हुए। अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस सुनने के एवं पत्रावली का अवलोकन करने के बाद जनपद एवं सत्र न्यायाधीश श्री सुनील कुमार (चतुर्थ) ने विभिन्न परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सबको आजीवन कारावास की सजा सुनायी।  इसके साथ साथ प्रत्येक को 15000-15000 के अर्थदण्ड से भी दंडित किया। अर्थदण्ड अदा न कर सकने की स्थिति में प्रत्येक अभियुक्त को 6 महीने का अतिरिक्त कठोर कारावास भोगना होगा।
      

अभियोजन की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता शशि शंकर सिंह, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राम अवध यादव व राजेन्द्र कुमार पाण्डेय ने अपनी ओर से दलीलें पेश कीं।

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