लोकनाथ सिंह पुण्य स्मृति समारोह में पहुंचे कई राजनीतिक दिग्गज, भव्य तरीके से मनायी 47वीं पुण्य तिथि
शिक्षा के क्षेत्र में दिया अनोखा योगदान
कई विद्यालयों की स्थापना
पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह रहे मौजूद
विधायक प्रभु नारायण सिंह व सुशील सिंह भी रहे मौजूद
चंदौली जिले के चहनिया विकास खंड के रामगढ़ स्थित लोकनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय में गुरुवार को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सरस्वती के अमर साधक एवं भूत पूर्व विधायक स्व. लोकनाथ सिंह की 47वीं पुण्य तिथि समारोह धूमधाम से मनाया गया।
इस दौरान प्रथम सत्र के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह व विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव ने मां सरस्वती, बाबा कीनाराम, लाल बहादुर शास्त्री व स्व. लोक नाथ सिंह के तैल चित्र पर माल्यार्पण व द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत किया। रामायण गान, कालेज के छात्र छात्राओं द्वारा स्वागत गीत, सरस्वती गीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम, नाटक मंचन, हास्य, गीत संगीत आदि की प्रस्तुति किया।
इस दौरान कालेज के प्रबंधक धनंजय सिंह द्वारा सभी अतिथियों को अंगवस्त्रम व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में प्रथम सत्र के मुख्य अतिथि ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि आज का दिन हम सबके लिए संकल्प का दिन है, क्योंकि इन्होंने देश की आजादी ही नहीं समाज में स्थान बनाया है। वो संकल्प लेकर किया है। ये महापुरुष स्वर्गीय नहीं अमर हैं, जो हमेशा याद रहेंगे।
विशिष्ठ अतिथि विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव ने कहा कि बाबा कीनाराम की धरती से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पूर्व विधायक, समाजसेवी, दूसरे मालवीय कहे जाने वाले स्व. लोकनाथ सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र में ही नहीं समाज में भी अपना छाप छोड़ गये हैं। दुनिया का सबसे मजबूत लोकतंत्र खतरे में नजर आ रहा रहा है, किंतु ऐसे महापुरुषों के बताये रास्ते पर चलेंगे तो राष्ट्र मजबूत होगा। इन्होंने सत्याग्रह, नमक आंदोलन, देश आजाद कराने जैसे कई देश हित के लिए कार्य किया है। ये सर्व गुण सम्पन्न थे। यहां के लोग शिक्षा ग्रहण करने के लिए दूर जाते थे, किंतु इन्होंने अपने जिले में शिक्षा का अलख जगाया। 1945 में टाण्डाकला में,1946 में धरांव में ,1947 में रामगढ़ में आदि कई इंटर कॉलेजों का निर्माण किया । इन्होंने यहां के लोगों को ही नही देश को बहुत कुछ दिया है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान सबको करना चाहिए।
दूसरे सत्र के मुख्य अतिथि सैयदराजा विधायक सुशील सिंह ने कहा कि परिवार से दूर रहकर स्व. लोकनाथ सिंह ने जो त्याग किया है, उसे भुलाया नही जा सकता है। देश की आजादी में इन्होंने अपना सहयोग प्रदान किया। ऐसा त्याग अन्यत्र कहीं देखने को नहीं मिलता है। ऐसे महापुरुष कभी कभी इस धरा धाम को सुशोभित कर अपने कर्मों से अमर हो जाते हैं।
इस दौरान डॉ. राजेन्द्र प्रताप सिंह, प्रभु नारायण सिंह, उपेंद्र सिंह, सन्तोष सिंह, प्रमुख अजय सिंह खलनायक, डॉ. संजय त्रिपाठी, अजय सिंह, राजीव सिंह, राजेन्द्र पाण्डेय, सन्त त्रिपाठी, बिरेन्द्र यादव, प्रधानाचार्य हंसराज यादव, अजीत सिंह, अभय यादव, आनन्द तिवारी, आनन्द विद्यार्थी ,बिंध्याचल तिवारी, आशुतोष कुमार सिंह आदि लोग उपस्थित थे। संचालन विनय कुमार सिंह व आभार प्रबंधक धनंजय सिंह ने किया।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*