खनन अधिकारी की वसूली के मामले की होगी मजिस्ट्रेटियल जांच, ये है जिलाधिकारी का आदेश

खनन विभाग में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला
चंदौली एक बार फिर से अवैध वसूली को लेकर आया सुर्खियों में
खनन अधिकारी समेत छह पर FIR दर्ज होने के बाद चर्चाएं तेज
आज हो गया है मामले में मजिस्ट्रेट जांच का आदेश
चंदौली जनपद एक बार फिर से भ्रष्टाचार के गंभीर मामले में प्रदेश भर की सुर्खियों में आ गया है। इस बार जिले के खनन अधिकारी गुलशन कुमार पर ट्रकों से अवैध वसूली और मारपीट के आरोप लगे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रभारी जिलाधिकारी एवं अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार ने इस पूरे प्रकरण की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। ADM राजेश कुमार ने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी, जिसके बाद विभागीय और विधिक कार्रवाई की जाएगी।

दरअसल, यह मामला तब सामने आया जब सोनभद्र से आ रही गिट्टी लदी चार ट्रकों को चंदौली के सकलडीहा-धानापुर मार्ग पर रोक लिया गया। ट्रक मालिक बृजेश यादव ने आरोप लगाया कि खनन अधिकारी गुलशन कुमार और उनके साथ मौजूद पांच सहयोगियों ने वैध कागजात होने के बावजूद प्रति ट्रक एक लाख रुपये की अवैध मांग की। बाद में सौदा दो लाख रुपये प्रति ट्रक पर तय हुआ, जिसके तहत दो ट्रकों को छोड़ दिया गया। शेष दो ट्रकों के लिए जब पूरा पैसा नहीं दिया गया, तो खनन अधिकारी के ड्राइवर तेजस नारायण ने खुद 70 हजार रुपये ऑनलाइन जमा करवाए, फिर भी दोनों ट्रकों को सीज कर दिया गया।

ट्रक मालिक ने इस पूरे मामले की शिकायत ADG पीयूष मोर्डिंया से की। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए ADG के निर्देश पर सकलडीहा थाने में खनन अधिकारी गुलशन कुमार और उनके पांच सहयोगियों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम और मारपीट की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई। आरोप है कि खनन अधिकारी और उनका गिरोह जिले में लगातार अवैध वसूली कर सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचा रहा था। बालू, गिट्टी और मोरंग की गाड़ियों से अवैध वसूली इस नेटवर्क का हिस्सा थी।
गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब चंदौली भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में आया है। इससे पहले यहां तैनात रहे ARTO आर.एस. यादव के खिलाफ भी ट्रकों से वसूली के जरिए अकूत संपत्ति बनाने का बड़ा मामला सामने आया था। उस समय यह भ्रष्टाचार का प्रदेश का सबसे बड़ा प्रकरण माना गया था और भाजपा सरकार के आने के बाद आरएस यादव पर कार्रवाई भी हुई थी।
अब एक बार फिर चंदौली की छवि पर सवाल खड़े हो गए हैं। जिले में खनन विभाग के इस भ्रष्टाचार ने प्रशासन को भी झकझोर दिया है। प्रभारी जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और मजिस्ट्रेट जांच के आधार पर सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। स्थानीय लोग भी प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि खनन विभाग में फैले इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश कर दोषियों को जेल भेजा जाए।
यह मामला न सिर्फ प्रशासनिक व्यवस्था की साख पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी बताता है कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए जिलास्तरीय सतर्कता और पारदर्शिता व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है।
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