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बड़ा खेल हुआ है महामाया पॉलीटेक्निक धानापुर में, कौन कराएगा मामले की जांच

चंदौली जिले में तकनीकी शिक्षा के लिए बनाया गया संस्थान महामाया पॉलीटेक्निक धानापुर के आवासीय और प्रशासनिक भवन पांच साल में ही जर्जर हालत  में पहुंच गए हैं।
 

20 करोड़ खर्च करके बना है महामाया पॉलीटेक्निक

 कई निर्माण कार्य आज भी अधूरे पड़े हैं

 जांच की फाइल बंद करके दबा रखे हैं अधिकारी

 क्या विधायक जी लेंगे मामले दिलचस्पी

 

चंदौली जिले में तकनीकी शिक्षा के लिए बनाया गया संस्थान महामाया पॉलीटेक्निक धानापुर के आवासीय और प्रशासनिक भवन पांच साल में ही जर्जर हालत  में पहुंच गए हैं। यहां पर काम करने वाले ठेकेदारों ने क्वालिटी का काम नहीं किया है, जिससे यहां के लोग परेशान हैं। अभी भी कई काम पूरे नहीं हैं।

संस्थान प्रबंधन का आरोप है कि करीब 20 करोड़ रुपये की लागत 11.4 हेक्टेयर में हुए निर्माण कार्य में मानकों की अनदेखी की गई है। परियोजना को पूरा किए बिना हस्तांरण की प्रक्रिया पूरी करा ली गई थी। यहां पर कैफेटेरिया, एनसीसी भवन, पार्किंग, खेल मैदान सहित कई निर्माण कार्य आज भी अधूरे पड़े हैं, जिसके लिए कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

तकनीकी शिक्षा उत्तर प्रदेश से संबद्ध धानापुर विकास खंड के सिहावल गांव के वर्ष 2006 में 11.4 हेक्टेयर जमीन का चयन कर इस पर वर्ष 2008 में पहले आठ करोड़ रुपये की लागत से फिर बाद में ये धनराशि बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये कर वर्ष 2014 में निर्माण कार्य को पूरा कर 2018 में सुपुदर्गी की प्रकिया पूरी पर फाइल बंद कर दी गई। इसमें शैक्षणिक, प्रसाशनिक, एनएसएस भवन, पार्किंग, खेल मैदान सहित कई निर्माण कार्य का काम कागजों में दिखा गया है।

विद्यालय प्रबंधन से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि संस्थान के भवन और अन्य निर्माण कार्य अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के मानक के खिलाफ निर्माण कार्य किए गए हैं। इसमें कई निर्माण कार्य तो पूरा किए बिना ही सुपुर्दगी दे गई। लेकिन मुख्य द्वार के बाएं पर एनसीसी भवन का निर्माण कार्य तो किया गया इसमें पानी, शौचालय आदि की कोई सुविधा नहीं है। परिसर में कैफेटेरिया का निर्माण नहीं किया जो कि डीपीआर में मौजूद था।

अभी अधूरा है आवासीय भवन


संस्थान परिसर में पांच श्रेणी के आवासीय भवनों का निर्माण होना था। प्रथम और द्वितीय आवासीय भवन का निर्माण तो किया गया, लेकिन टाइप तीन के पांच भवन, टाइफ चार के 12 भवनों में चार बने हैं और आठ अभी तक बने ही नहीं। कुछ भवन जर्जर हो गये हैं। महिला छात्रावास संस्था और आवासीय भवन को जोड़ने वाली आरसीसी सड़क भी नहीं बनी है। संस्थान की चहारदीवारी का निर्माण भी पूरा नहीं है। कहीं से दीवार ढह रही तो कहीं नीचे का हिस्सा खाली है।

mahamaya politechnic scam investigation

परिसर में देखे जाते हैं सांप और बिच्छू


परिसर में गड्ढे होने से बारिश के दिनों में जल जमाव हो जाता है। जिससे काफी परेशानी हो रही है। होने से सांप और बिच्छू जैसे जहरीले जीव निकला करते हैं। निर्माण कार्य में हुई अनियमितता की कई बार शिकायत और बैठक की गई बावजूद फाइल को बंद कर दिया गया।

संस्थान में इलेक्ट्रानिक्स, कंप्यूटर साइंस और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रमों 498 बच्चों के अलावा चकिया के संत रविदास पालीटेक्निक में निर्माण कार्य होने के कारण इलेक्ट्रानिक्स, कंप्यूटर साइंस और इंस्टुमेंट्स एंड कंट्रोल इंजीनियरिंग के 397 विद्यार्थी यहां अध्ययनरत हैं। जिनको यहां कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

यहां के प्रधानाचार्य अजय कुमार सिंह का कहना है कि भवनों के निर्माण कार्य में अनियमितता तो हुई है। कई निर्माण अभी भी अधूरे हैं। लेकिन आधे-अधूरे काम की किस आधार पर सुपुर्दगी दी गई, इसकी अभी तक कोई जांच नहीं हुई। इस मामले में कई बार बैठकें भी की गयीं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुयी है।

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