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चंदौली के लाल मेजर शुभांग को मिला कीर्ति चक्र, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित

इसी दौरान आतंकियों की एक गोली मेजर शुभांग के कंधे में लग गयी। इसके बावजूद उन्होंने अदम्य साहस का परिचय दिखाते हुए एक आतंकवादी को मार गिराया।  मेजर आतंकी के बीच केवल 10 मीटर की दूरी थी।
 

कश्मीर के बड़गाम जिले में आतंकियों से लिया था लोहा

 घायल होने के बावजूद मार गिराया था आतंकी

कैली गांव के रहने वाले हैं मेजर शुभांग

जम्मू कश्मीर इलाके में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान बहादुरी और अदम्य साहस का प्रदर्शन करने वाले चंदौली जिले के वीर जवान मेजर शुभांग को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने में कीर्ति चक्र देकर सम्मानित किया है। 2023 के वीरता पुरस्कारों में 2 जवानों को कीर्ति चक्र और 7 जवानों को शौर्य चक्र से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सम्मानित किया है।

Major Shubhang Kirti Chakra

आयोजित सम्मान समारोह में चंदौली जिले के मेजर शुभांग को कीर्ति चक्र मिला है। बताया जा रहा है कि पिछले साल अप्रैल महीने में 62 राष्ट्रीय राइफल्स की टुकड़ी का अगुआई करने के दौरान बड़गाम जिले में एक आतंकवादियों के समूह के छिपे होने की सूचना मिली। मेजर शुभांग के नेतृत्व में सुरक्षाबलों की टीम ने उस गांव को घेर लिया। इसके बाद दोनों तरफ से गोलीबारी का सिलसिला शुरू हुआ।

Major Shubhang Kirti Chakra

 बताया जा रहा है कि इसी दौरान आतंकियों की एक गोली मेजर शुभांग के कंधे में लग गयी। इसके बावजूद उन्होंने अदम्य साहस का परिचय दिखाते हुए एक आतंकवादी को मार गिराया।  मेजर आतंकी के बीच केवल 10 मीटर की दूरी थी। इसके बावजूद भी मेजर घायल होने के बावजूद रेंगते हुए उनकी ओर बढ़े और आतंकियों के मूवमेंट को भांपकर उनको ढेर किया। घायल होने के बावजूद मेजर सभा द्वारा इस बहादुरी का परिचय दिया गया था। उसके लिए उन्हें कीर्ति चक्र दिया गया है।

 ऑपरेशन सफल होने के बाद मेजर शुभांग को उपचार के लिए रेस्क्यू किया गया। आज पूरा चंदौली जनपद मेजर शुभांग के कीर्ति चक्र मिलने से गौरवान्वित महसूस कर रहा है। मेजर शुभांग चंदौली जिला मुख्यालय के पास स्थित कैली गांव के रहने वाले हैं। वह पिता विमलेंदु राय और माता सुधा राय की इकलौते पुत्र हैं। हालांकि इनकी शिक्षा दीक्षा प्रयागराज में हुई और वहीं से एनडीए की परीक्षा पास करने के बाद सेना में मेजर बन गए थे।

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