पुलिस थाने में तड़प रहे जानवरों को देख कुछ यूं गुस्से में आ गए मनोज सिंह, पुलिस ने दी सफाई
अलीनगर में पकड़े गए जानवरों पर एक्शन-रिएक्शन
सपा नेता ने आला अफसरों से की ये मांग
जानवरों के इलाज व चारा-पानी की कौन कर रहा है व्यवस्था
पुलिस का भी देखिए वीडियो
चंदौली जिले में समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू सोमवार को अलीनगर थाने पहुंचे। वहां बारिश में तड़प रही गौवंश को देखकर आक्रोशित हो गए कांप उठा। उन्होंने गोवंश की इस दुर्दशा और पीड़ा के लिए थाने को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि गोवंश संरक्षण की बड़ी-बड़ी बातें सरकार करती है, लेकिन आज गोवंश किस हाल में यह अलीनगर थाने में देखा जा सकता है। पुलिस वाले अंदर से तमाशा देख रहे हैं और गोवंश खुले में बारिश के बीच तड़प रहें है। उनकी यह पीड़ा बयान नहीं की सकती। उन्होंने जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों को इसे संज्ञान में लेने और उचित कार्यवाही की अपेक्षा की। वहीं पुलिस के लोगों का कहना है कि कई जानवर मर चुके थे, जबकि कुछ जानवर अपने पैरों पर खड़े नहीं हो सकते थे। ऐसे में पशु चिकित्साधिकारी को बुलाकर उनका इलाज कराया गया।
दरअसल गांधी जयंती पर सपा नेता मनोज सिंह डब्लू किसी कार्यक्रम में शरीर होने के लिए मुगलसराय की ओर जा रहे थे। यात्रा के दौरान अचानक उनकी नजर अलीनगर थाना परिसर में जमीन पर पड़े चार-पांच गौवंश पर पड़ी। यह देख उन्होंने गाड़ी रोकवा दिया और बारिश में ही थाना परिसर के अंदर गए और पूरा प्रकरण जानना चाहा। उन्हें बताया किया कि गोवंशों को भोर के वक्त पकड़ा गया था। इस पर कई बीमार व मरने की कगार पर पहुंच चुके गोवंशों के दवा-ईलाज के बाबत जवाब तलब किया तो वहां मौजूद पुलिस के जिम्मेदार अधिकारी कुछ बता नहीं सके, क्योंकि कोतवाल शेषधर पांडेय तबियत खराब होने के कारण अवकाश पर चल रहे थे।
सपा नेता ने कहा कि गांधी जयंती के दिन अलीनगर थाने में गोवंश तड़प रहे हैं। बरसात में भींगकर कांप रहे हैं। गायों के पैरों में बंधी रस्सी तक खोलने वाला कोई नहीं दिखा है। दो गौवंश की मौत हो चुकी है और कुछ देर में तड़प रही और गाएं भी मर जाएंगी। लेकिन इससे किसी को कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। यह दृश्य बड़ा दुखदायी है। जनपद चंदौली के थानों में गोवंश की ऐसी दुर्दशा नहीं होना चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है ऐसी परिस्थितियां किसी भी थाने में उत्पन्न न हो, जिले के जिम्मेदार पुलिस अधिकारी को इस सोचना और करना होगा। क्योंकि जो गौवंश पकड़े जाते हैं उनके चारे, पानी व दवा-ईलाज का कोई प्रबंध इन थानों में अब तक नहीं हो पाया है। केवल गौवंश व तस्कर पकड़कर, तस्वीरें खींचाकर थाना पुलिस अपनी जिम्मेदारियों की इतिश्री कर लेते हैं। लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए। पुलिस को यह समझनी होगी कि गौवंश सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है, लिहाजा सरकार की छवि को अपने कृत्य से धूमिल ना करें। अलीनगर थाने का जो दृश्य है वह अप्रत्यक्ष रूप से गौवंश की हत्या के समान है।
वहीं पुलिस ने भी जानवरों के इलाज का वीडियो शेयर किया है और कहा है कि जो जानवर खड़े होने या चलने फिरने लायक थे। उनको तत्काल हटा दिया गया था। शेष को इलाज के बाद वहां से हटाकर सुरक्षित जगह रखा जा रहा है।
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