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मनोज कुमार सिंह W के सवालों की बौछार से खामोश हो गए असलहा बाबू, देख लीजिए वीडियो

पूर्व विधायक ने तीखे तेवर दिखाते हुए कहा कि वह इन हरकतों से डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “मैं एक खाली बर्तन हूं और खाली बर्तन बहुत तेज आवाज करता है।
 

सपा के पूर्व विधायक हैं मनोज सिंह W

कलेक्ट्रेट पहुंचकर असलहा बाबू से पूछे सवाल

बोले – डराने की कोशिश हो रही है, लेकिन आवाज और बुलंद होगी

चंदौली जिले के समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक मनोज कुमार सिंह सोमवार को अचानक कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे और अपने सालों की जांच को लेकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने असलहा बाबू (हथियार शाखा कर्मचारी) से इस जांच आदेश के बारे में जवाब माँगा, जिसमें उनके असलहों की जांच करने का निर्देश जारी किया गया था। हालांकि, कलेक्ट्रेट कर्मचारियों के पास इस संबंध में कोई स्पष्ट जवाब नहीं था, जिससे पूर्व विधायक और अधिक आक्रोशित हो उठे।

सत्ता पक्ष पर लगाया बदले की राजनीति का आरोप
पूर्व विधायक मनोज कुमार सिंह ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि वह स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से जिले के विकास कार्यों में हीलाहवाली और जिले की परियोजनाओं और बदहाल व्यवस्था को लेकर लगातार सवाल उठाते रहे हैं। इसी वजह से उन्हें राजनीतिक रूप से निशाना बनाया जा रहा है। उनका आरोप है कि सत्ता पक्ष के नेताओं के दबाव में, पुलिस-प्रशासन उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने कहा, "पहले मेरी सुरक्षा हटाई गई, अब मेरे सालों की जांच का आदेश देकर मुझे डराने की कोशिश की जा रही है।"

“मैं खाली बर्तन हूं, आवाज और तेज होगी”
पूर्व विधायक ने तीखे तेवर दिखाते हुए कहा कि वह इन हरकतों से डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “मैं एक खाली बर्तन हूं और खाली बर्तन बहुत तेज आवाज करता है। अब मेरी आवाज और भी तेज होगी।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की जनविरोधी नीतियों और प्रशासनिक अराजकता को वह बेनकाब करते रहेंगे।

सुरक्षा हटाने पर भी जताई नाराजगी
मनोज कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने उनकी पूर्व में दी गई सुरक्षा भी हटा ली है, जिससे उनकी जान को खतरा है। उन्होंने इसे सुरक्षा के साथ खिलवाड़ बताते हुए उच्च अधिकारियों से सुरक्षा बहाल करने की मांग की।

कलेक्ट्रेट अधिकारियों की चुप्पी पर सवाल
पूर्व विधायक जब कलेक्ट्रेट कार्यालय में जांच आदेश की जानकारी मांगने पहुंचे, तो वहां अधिकतर कर्मचारी जवाब देने से बचते नजर आए। इससे नाराज मनोज सिंह ने कहा कि यह पारदर्शिता और प्रशासन की जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठाता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसे राजनीतिक उत्पीड़न बंद नहीं हुए, तो वह जनता के साथ सड़क पर उतरने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

इस घटना के बाद जिले का राजनीतिक माहौल एक बार फिर गरमा गया है। समाजवादी पार्टी समर्थकों में भी इस कार्रवाई को लेकर आक्रोश देखा जा रहा है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या सफाई देता है और क्या पूर्व विधायक की सुरक्षा बहाल होती है या नहीं। यह प्रकरण साफ तौर पर विपक्षी नेताओं पर दबाव बनाने की राजनीति और प्रशासनिक दमन को उजागर करता है, जिसका जवाब आने वाले दिनों में सड़क और सदन दोनों में देखने को मिल सकता है।

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