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बिना वैध कागजात के तोड़फोड़ किया तो खैर नहीं, मनोज सिंह डब्लू ने रोक दिया तोड़फोड़ का काम

सपा नेता ने कहा कि डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी यदि जल्द किसी सकारात्मक नतीजे पर नहीं पहुंचती तो 27 अगस्त को ग्रामीणों की अगुवाई में महापंचायत बुलाई गई है, जिसमें ग्रामीण तय करेंगे कि आगे क्या करना है।
 

सपा नेता ने ग्रामीणों से लगायी गुहार

खड़ेहरा में रुकवाया मकानों को तोड़ने का काम

अधिकारियों को दे दी महापंचायत की चेतावनी

चंदौली जिले के समाजवादी पार्टी के फायर ब्रांड नेता मनोज सिंह डब्लू ग्रामीणों की सूचना पर शनिवार को पपौरा व खड़ेहरा गांव के दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने खड़ेहरा में चंदौली-सैदपुर सड़क चौड़ीकरण के लिए बिना किसी वैध कागज के जेसीबी से की जा रही तोड़फोड़ को रोका। एसडीएम सकलडीहा व एक्सईएन पीडब्ल्यूडी से बात की। साथ ही निर्माण कराने वाले कंपनी पर डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी के रिपोर्ट आने तक तोड़फोड़ ना करने की चेतावनी दी। इस दौरान ग्रामीणों ने कम्पनी के अधिकारियों पर गुंडई करने का आरोप लगाया।

इस दौरान सपा नेता मनोज सिंह डब्लू को ग्रामीणों ने बताया कि वह आबादी की जमीन पर पिछले 40 साल मकान बनाकर रह रहे हैं। आज सड़क चौड़ीकरण के नाम पर उनके मकानों व दुकानों को तोड़ा जा रहा है और मुआवजा तक नहीं दिया। इतना ही नहीं मकान तोड़ने का किसी तरह की नोटिस भी ग्रामीणों को नहीं दी गई। इस पर कार्यदायी संस्था के अधिकारी ने ध्वनि विस्तारक यंत्र के जरिए सूचना देने की बात कही तो मनोज सिंह डब्लू ने फटकार लगाई और कहा कि यहां कम्पनी सीधे तौर पर गुंडई कर रही है। सरकारी काम मौखिक नहीं, लिखित में होता है। बिना किसी वैध कागजात के तोड़फोड़ किया तो खैर नहीं। कहा कि डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी अपनी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। ऐसे में कम्पनी द्वारा मनमाने ढंग से तोड़फोड़ किया जाना पूरी तरह से अनुचित व गैरकानूनी है। जब तक डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी राजस्व विभाग के रिपोर्ट के आधार पर गांवों में चौपाल लगाकर प्रभावित किसानों में मुआवजे का वितरण सुनिश्चित नहीं कर देती, तब तक किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ नहीं चलेगी। इस बात को निर्माण करा रही कम्पनी के अधिकारी व कर्मचारी समझ लें।

सपा नेता ने कहा कि डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी यदि जल्द किसी सकारात्मक नतीजे पर नहीं पहुंचती तो 27 अगस्त को ग्रामीणों की अगुवाई में महापंचायत बुलाई गई है, जिसमें ग्रामीण तय करेंगे कि आगे क्या करना है। एक्सईएन पीडब्ल्यूडी द्वारा भी किसी भी तरह के कागजात नहीं होने की जानकारी दी गई है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी जमीन की बात करने वाले अधिकारी व कर्मचारी कम से कम जमीन के कागजात उन ग्रामीणों को दिखा कर संतुष्ट करें, जो उस जमीन पर काबिज हैं। बिना कोई वैध कागजात दिखाए काम शुरू नहीं करें।

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