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ARTO में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अब ऑनलाइन मेडिकल बनाने की योजना, जानिए क्या कहते हैं RI साहब

चंदौली जिले के एआरटीओ ऑफिस में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मेडिकल प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए अब आवेदकों को अस्पताल जाना नहीं पड़ेगा और मेडिकल सर्टिफिकेट का फर्जीवाड़ा भी खत्म होगा।
 

ड्राइविंग लाइसेंस के दौरान फर्जी मेडिकल का बोलबाला

असली और फर्जी की नहीं होती थी पहचान

अब ARTO कॉर्यालय में ऑनलाइन बनेंगे मेडिकल प्रमाण पत्र

 मेडिकल सर्टिफिकेट का फर्जीवाड़ा भी होगा खत्म
 

चंदौली जिले के एआरटीओ ऑफिस में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मेडिकल प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए अब आवेदकों को अस्पताल जाना नहीं पड़ेगा और मेडिकल सर्टिफिकेट का फर्जीवाड़ा भी खत्म होगा। जब आप मेडिकल बनवाने के लिए सीएमओ कार्यालय जाएंगे और मेडिकल जांच के बाद सीएमओ कार्यालय उसे ऑनलाइन करेगा तो सीधे वह मेडिकल सहायक संभागीय परिवहन विभाग के अफसरों को प्रमाण पत्र प्राप्त हो जाएगा।

आपको बता दें कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मेडिकल प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए अब आवेदकों को अस्पताल जाना नहीं पड़ेगा। आवेदक केवल एक बार ही आप सीएमओ कार्यालय जाएंगे और मेडिकल जांच के बाद सीएमओ कार्यालय से ऑनलाइन ही सहायक संभागीय परिवहन विभाग के अफसरों को प्रमाण पत्र प्राप्त हो जाएगा। मेडिकल सर्टिफिकेट का फर्जीवाड़ा भी खत्म होगा। क्योंकि, अब चिकित्सा अधिकारी सारे  प्रमाण पत्र ऑनलाइन ही जारी करेंगे। इसके लिए उनको सारथी पोर्टल पर लॉगइन आइडी जल्द ही मिल जाएगी।

पहले मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए पहले सीएमओ कार्यालय में आवेदन करना पड़ता है। उसके बाद चिकित्सकों की जांच के बाद सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। आरटीओ का नियम है कि 40 वर्ष की आयु वाले आवेदक को मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करना होता है। इसका फायदा दलाल उठा रहे हैं। सर्टिफिकेट के नाम पर रुपये तक आवेदक से वसूले जाते हैं। इसी के मद्देनजर लाइसेंस प्रक्रिया में सर्टिफिकेट को ऑनलाइन करने की तैयारी चल रही है। ऑनलाइन व्यवस्था जारी होने के बाद आवेदकों को सीएमओ दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

 असली और फर्जी की पहचान मुश्किल


एआरटीओ में प्रतिदिन करीब 30 आवेदन ड्राइविंग लाइसेंस नवीनीकरण के आते हैं। अधिकतर में मेडिकल सर्टिफिकेट लगना होता है। अभी आवेदक सीधे सर्टिफिकेट जमा करा देते हैं। एआरटीओ के पास सर्टिफिकेट की पहचान करने का कोई आधार नहीं है। वह फर्जी है या असली अधिकारी नहीं जानते हैं। ऑनलाइन होने के बाद फर्जी सर्टिफिकेट पर भी रोक लगेगी।


ऐसा बोल रहे आरआई अशोक कुमार यादव


इस संबंध में संभागीय निरीक्षक अशोक कुमार यादव ने बताया कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट की ऑनलाइन प्रकिया जल्द शुरु होने वाली है। इससे संभागीय परिवहन विभाग के साथ ही स्वास्थ्य विभाग को भी फायदा होगा। साथ ही आवेदक भी जल्द मेडिकल सर्टिफिकेट प्राप्त कर लेगा।

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