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जिला अस्पताल में बढ़ रही मानसिक रोगियों की संख्या, इलाज के साथ जागरूक भी कर रहे डॉक्टर

जिला अस्पताल की मानसिक रोग की ओपीडी में इन दिनों रोज 150 से ज्यादा मरीज आते हैं। इस तरह देखा जाए तो एक महीने में 5000 से अधिक मरीज इलाज कराने ओपीडी में पहुंचे।
 

जिला अस्पताल की ओपीडी रोज आ रहे 150 से ज्यादा मरीज

एक महीने में मानसिक रोगियों की संख्या पांच हजार पार

सोशल स्टिग्मा, डिमेंशिया हिस्टीरिया, आत्महीनता एंजाइटी की  बढ़ी समस्या

चंदौली जिले में पंडित कमलापति त्रिपाठी संयुक्त जिला अस्पताल में मानसिक रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसा पहली बार हुआ है कि एक महीने में पांच हजार से ज्यादा मानसिक रोगी ओपीडी में इलाज कराने आए। हैरानी की बात यह है कि इनमें 70 प्रतिशत युवा और किशोर शामिल हैं।

आपको बता दें कि पंडित कमलापति त्रिपाठी संयुक्त जिला अस्पताल की मानसिक रोग की ओपीडी में इन दिनों रोज 150 से ज्यादा मरीज आते हैं। इस तरह देखा जाए तो एक महीने में 5000 से अधिक मरीज इलाज कराने ओपीडी में पहुंचे। इनमें 70 प्रतिशत युवा और किशोर शामिल हैं। वहीं, मरीजों का इलाज करने के साथ डॉक्टर उन्हें जागरूक भी करते हैं।

बताते चलें कि चिकित्सकों ने बताया कि बढ़ती महत्वाकांक्षा और भागदौड़ भरी जिंदगी में ज्यादातर लोग किसी न किसी बात को लेकर तनाव ग्रस्त रहते हैं। चिंता इस बात की है कि इनमें किशोरों और युवाओं की संख्या ज्यादा है।

इलाज के साथ जागरूक भी कर रहे डॉक्टर

संयुक्त जिला अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. नितेश सिंह ने कहा कि बहुत से लोग सोशल स्टिग्मा, डिमेंशिया, हिस्टीरिया, एंजाइटी और आत्महीनता जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे मरीजों का इलाज करने के साथ उन्हें जागरूक भी किया जाता है। इसका मकसद है कि लोग समय रहते डॉक्टर से सहायता ले सकें। साथ ही ऐसे मरीजों की कठिनाई को उनके दोस्त, रिश्तेदार और समाज भी समझ सके। बताया कि युवाओं का कम बोलना और पढ़ाई के दौरान तनाव लेना इसका कारण है। मरीज को झटके आना और बेहोश हो जाना इसके लक्षण हैं।

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