विश्व होम्योपैथी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मंत्री दयाशंकर मिश्र की अपील, होम्योपैथी को जीवनशैली में अपनाएं

आयुष चिकित्सा प्रणाली को जन-जन तक पहुँचाने की पहल
प्रदेश सरकार होमियोपैथिक चिकित्सा के विकास के लिए प्रतिबद्ध
आयुष चिकित्सा को पुनर्जीवित करने का हो रहा है काम
चंदौली जिले में विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर आज कृषि विज्ञान केंद्र में एक भव्य एवं गरिमामय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आयुष खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ जी ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग करते हुए जनसमुदाय को संबोधित किया।

इस मौके पर मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि होम्योपैथी न केवल एक प्रभावशाली वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न अंग भी है। राज्य सरकार ने आयुष चिकित्सा को पुनर्जीवित करने और जन-जन तक पहुँचाने के लिए पिछले आठ वर्षों में कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में आयुष सेवाओं के विस्तार हेतु न केवल नए स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना, बल्कि योग, आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी विशेषज्ञों की नियुक्तियाँ, ग्राम स्तर तक औषधीय पौधों का प्रचार-प्रसार, तथा निःशुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन लगातार किया जा रहा है।
मंत्री जी ने यह भी कहा कि आयुष केवल उपचार नहीं, बल्कि संपूर्ण जीवन शैली है, जिसमें रोग से लड़ने की नहीं, रोग को आने से रोकने की परंपरा है। हम इसे आधुनिक चिकित्सा के पूरक के रूप में नहीं, बल्कि सशक्त विकल्प के रूप में विकसित कर रहे हैं।
कार्यक्रम के अंत में मंत्री जी ने सभी प्रतिभागियों, चिकित्सकों एवं आयोजकों को बधाई दी और स्वस्थ भारत निर्माण के लिए होम्योपैथी को जीवनशैली में अपनाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर पीडी डीआरडीए बीबी सिंह, जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डॉ आलोक कुमार गुप्ता, गौरव राठी, डा. नीरज, डा. बृजेश कुमार सिंह साथ ही बड़ी संख्या में चिकित्सक, होम्योपैथी विशेषज्ञ एवं आयुष प्रेमी उपस्थित रहे।
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