प्रभारी मंत्री संजीव कुमार गोंड में नहीं है मंत्री-वाली-हनक, जान लीजिए नमूना
जिले की हकीकत से अंजान हैं मंत्रीजी
जिले के अधिकारियों से तालमेल भी कम
सरकार के द्वारा कराए 6 साल के कामों को गिनाने में असफल
चंदौली जिले के प्रभारी मंत्री संजीव कुमार गोंड भले ही जनपद में अपने दूसरे दौरे पर आए हों, लेकिन प्रभारी मंत्री बनने के बाद भी वह इस जिले को ना तो अच्छी तरह से समझ पाए हैं और ना ही उनका जिले के अधिकारियों से तालमेल बेहतर बन पाया है। इतना ही नहीं उनको तो जिले के जिलाधिकारी का नाम तक याद नहीं है।
जिलाधिकारी कार्यालय में सरकार की 6 साल की उपलब्धियों को गिनाने के दौरान अगर प्रभारी मंत्री के संबोधन को कोई भी सुनेगा तो उसे इस बात का अंदाजा हो जाएगा कि चंदौली जिले के प्रभारी मंत्री ने जिस तरह से जिलाधिकारी का नाम लेते हुए उनका महिमामंडन करने की कोशिश की और उनका नाम का उच्चारण भी सही तरीके से नहीं कर पाए.. इससे साफ लगता है कि माननीय मंत्री में मंत्री वाली हनक ...कुछ कम है।

पत्रकारों के सवाल पर अपने आपको नए-नए प्रभारी के रूप में बताकर अपनी तमाम खामियों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मंत्री जी को यह याद रखना होगा कि वह जिले की समीक्षा के लिए आ रहे हैं। उनको पैनी व अपनी पारखी नजर को तेज करना होगा। इसके पहले उन्हें जिले की हकीकत से वाकिफ होना पड़ेगा, तभी वह ईमानदारी से विकास कार्यों की समीक्षा कर पाएंगे.. अन्यथा वह केवल सरकारी अधिकारियों के द्वारा दिए गए कार्यों की सूची को पढ़कर और हवा हवाई दिशा निर्देश देकर ही पहले की तरह खानापूर्ति करते रहेंगे।

पत्रकारों ने जब जिले में किए गए विकास कार्यों की रूपरेखा और विस्तार से कार्यों की जानकारी मंत्री के मुंह से सुनना चाही तो मंत्री जी ने गोल मटोल जवाब देते हुए कहा कि जिले की विकास की पुस्तिका आप लोगों को प्राप्त करा दी जाएगी और आप लोग उसे पढ़कर समझ सकते हैं कि जनपद में किस तरह से विकास कार्य हुए हैं।
इस बात से स्पष्ट होता है कि मंत्री जी को खुद सरकार के द्वारा कराए गए बड़े विकास कार्यों की जानकारी नहीं थी और वह इसे पढ़ने की भी जहमत नहीं उठाना चाहते थे।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार में समाज कल्याण एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के राज्यमंत्री संजीव कुमार गोंड को चंदौली जिले का प्रभारी मंत्री बनाया है और अपने नियुक्ति के कई महीने बाद वह पिछले सप्ताह जिले के दौरे पर आए थे और जब सरकार के 6 साल पूरे होने के उपलक्ष में 25 मार्च को वह जिले में पहुंचे तो मौके पर आनन फानन में जिला योजना की समिति की बैठक की भी अध्यक्षता कर निपटा दिया। इस दौरान विपक्ष के लोगों ने सरकारी दावों पर कई तरह के सवालिया निशान भी लगाए।
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