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..तो इसीलिए जिले में ताल ठोंककर घूम रहे हैं विधायक प्रभुनारायण यादव, बैकफुट है चंदौली पुलिस

प्रभु नारायण सिंह यादव और सीओ अनिरुद्ध सिंह के बीच में हुई धक्का-मुक्की और कहासुनी को लेकर विधायक प्रभु नारायण ने विधानसभा सचिवालय में विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाते हुए नोटिस दे दी है।
 

जिले में ताल ठोंककर घूम रहे हैं विधायक प्रभुनारायण यादव

अब पुलिस मामले को निपटाने की कोशिश में

वेट एंच वाच की मुद्रा में रहेगी पुलिस

चंदौली के बाबा कीनाराम मठ के समीप रामगढ़ में 5 दिसंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम से पूर्व समाजवादी पार्टी के सकलडीहा विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव और सीओ अनिरुद्ध सिंह के बीच में हुई धक्का-मुक्की और कहासुनी को लेकर विधायक प्रभु नारायण ने विधानसभा सचिवालय में विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाते हुए नोटिस दे दी है। इसके बाद से ही पुलिस प्रशासन बैकफुट पर दिखायी दे रहा है। अब पुलिस को मामले में जवाब देना है।

इसी वजह से सपा के नेताओं ने कैलावर में युवा सम्मेलन के दौरान पुलिस व प्रशासन को चुनौती देते हुए कहा था कि वह गिरफ्तारी से नहीं डरते..दम हो तो गिरफ्तार करके दिखाए। इसके बाद भी पुलिस प्रशासन मौन साधे बैठा है।

कहा जा रहा है कि विधानसभा सचिवालय के संयुक्त सचिव अरविंद पाठक ने प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री के माध्यम से अनिरुद्ध सिंह का इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। संयुक्त सचिव ने सीओ अनिरुद्ध सिंह से स्पष्टीकरण लेकर संसदीय कार्य मंत्री से एक सप्ताह के अंदर इसे पेश करने का आदेश दिया है।


आपको बता दें कि सकलडीहा से समाजवादी पार्टी के विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव के द्वारा सीओ का सिर पकड़ कर अपने सिर से लड़ाने का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। इस दौरान दोनों के बीच कहासुनी हुयी थी। सपा के लोगों ने कहा था कि इस तरह की घटना के लिए सीओ अनिरुद्ध सिंह ही जिम्मेदार हैं, क्योंकि मौके पहुंचकर उन्होंने लाठी भांजना शुरू कर दिया था। 

 इस मामले के बाद पुलिस ने सपा के विधायक समेत 150 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था। इसकी खबर मिलते ही विधायक जी अंडरग्राउंड हो गए थे और विधानसभा सत्र तक लापता रहे। इसमें 4 लोगों की गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था और उन्हें जमानत भी मिल चुकी है। लेकिन मामले में विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव की जमानत याचिका एमपी एमएलए कोर्ट और जिला न्यायालय दोनों ने खारिज कर दी गयी थी, जिसके बाद विधायक ने विधान सभा सचिवालय में विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाया है।

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