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कब व कैसे पकड़े जाएंगे उत्पाती बंदर, जिले में डीएम का फरमान बेअसर ​​​​​​​

बंदरों के उत्पात से परेशान नगरों व गांवों के नागरिकों को राहत पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से नगर और ग्राम पंचायतों को टेंडर के माध्यम से बंदरों को पकड़ने का निर्देश बेअसर साबित हो गया है।
 

बंदरों को पकड़ने के लिए पंचायतें उदासीन

गांवों में टेंडर के माध्यम से बंदरों को पकड़ने का दिया था निर्देश

कई इलाकों में नुकसान करते हैं बंदर

 कई लोगों को कर चुके हैं जख्मी

चंदौली जिले में बंदरों के उत्पात से परेशान नगरों व गांवों के नागरिकों को राहत पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से नगर और ग्राम पंचायतों को टेंडर के माध्यम से बंदरों को पकड़ने का निर्देश बेअसर साबित हो गया है। बीते अगस्त माह में दिए गए निर्देश के बावजूद नगर और ग्राम पंचायतें उदासीन बनी हुई हैं। अब तक किसी भी ग्राम पंचायत में टेंडर की प्रक्रिया का अनुपालन नहीं किया जा सका है। 


दरअसल वर्ष 2017-18 में बड़ी संख्या में बनारस के बंदरों को चंद्रप्रभा अभयारण्य के जिलेबिया मोड़ के जंगलों में छोड़ा गया था। शहरी रहन-सहन के आदि बंदर कुछ दिनों तक तो वनों में भटके इसके बाद धीरे-धीरे इनका कुनवा वनों के किनारे स्थित इंसानी बस्तियों की ओर बढ़ने लगा। नतीजा यह हुआ कि दे-तीन वर्षों में ही गांवों में इनकी आबादी हजार के पार पहुंच गई। उत्पाती बंदरों ने गरीबों के खपरैल के मकान को उजाड़ना तो आरंभ किया ही बीघे दो बीघे की खेती कर परिवार का भरण पोषण करने वाले किसानों की नींद हराम कर दी है। 


चाहे गेहूं की फसल हो या फिर सब्जी बचा पाना मुश्किल हो गया है। अब तो नगरों में भी बंदरों की उपस्थिति बड़ी संख्या में हो गई है। पक्के मकानों की बालकनी इनका स्थायी ठिकाना बन गई है। रात हो या दिन ये जहां पहुंच जा रहे वहां से टस से मस नहीं हो रहे हैं। यदि किसी से जरा सी चूक हुई तो अस्पताल जाना पड़ रहा है। अब तक दर्जनों लोगों को बंदर जख्मी कर चुके हैं। 

विडंबना कि उत्पाती बंदर अब सड़कों पर खेल रहे बच्चों को भी जख्मी कर रहे हैं। इससे अभिभावकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बंदरों के उत्पात से राहत पहुंचाने के लिए बीते दिनों जिलाधिकारी निखिल टी फुंडे ने समस्त खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया था कि बंदरों को पकड़ने के लिए ग्राम पंचायतों की ओर से टेंडर कराया जाए। साथ ही इसके लिए कुशल बंदर कैचर की व्यवस्था की जाए, ताकि ग्रामीणों को राहत मिल सके, लेकिन इस ओर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।


इस सम्बंध में जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने बंदरों के उत्पात से नागरिकों को राहत दिलाने के लिए सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया गया है, ताकि टेंडर कराकर बंदरों को पकड़ा जा सके। जल्द ही इसका अनुपालन कराया जाएगा।

                                                                                                           

                                                                                                                                                                             

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