जाति के नाम पर धार्मिक स्वतंत्रता का हनन कितना उचित, सांसद ने CM योगी को पत्र लिख पूछा सवाल

भागवत कथा पढ़ने पर युवक को प्रताड़ित किए जाने की घटना
ऐसी घटना पर आक्रोशित हैं चंदौली सांसद वीरेंद्र सिंह
सपा सांसद बोले- धर्म किसी के बाप की बपौती नहीं
सीएम से पूछा - क्या यही है ‘नया भारत’?
चंदौली जिले के सांसद वीरेंद्र सिंह हाल में हुए यादव समाज के एक युवक को भागवत कथा पढ़ने पर प्रताड़ित किए जाने की घटना ने सामाजिक समरसता को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले को लेकर चंदौली से लोकसभा सांसद वीरेंद्र सिंह ने कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह घटना न केवल धार्मिक स्वतंत्रता का हनन है, बल्कि संविधानिक मूल्यों पर गहरा आघात है। उन्होंने इस विषय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित पत्र जारी कर कड़ा विरोध दर्ज कराया है।

प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज भी समाज में जाति के आधार पर किसी व्यक्ति को धार्मिक ग्रंथ पढ़ने से रोका जा रहा है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या वर्तमान सत्ता ‘पुजहि विप्र सकल गुण हीना, शूद्र न पूजहु वेद प्रवीना’ जैसे रूढ़िवादी विचारों को बढ़ावा दे रही है? धर्म किसी जाति विशेष की बपौती नहीं है। यह समाज की आत्मा है। अगर कोई व्यक्ति श्रद्धा भाव से भागवत कथा का पाठ करता है, तो उसका अपमान पूरे धार्मिक समुदाय का अपमान है।

सांसद वीरेंद्र सिंह ने इस घटना की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही पीड़ित युवक को सुरक्षा प्रदान करने और मुआवजा देने की भी सिफारिश की है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि प्रदेश सरकार ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस नीति बनाए। साथ ही हर नागरिक को जाति, वर्ग या संप्रदाय के भेदभाव से ऊपर उठकर धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन व प्रचार का समान अधिकार दिया जाए।
अंत में उन्होंने समाज को चेताते हुए कहा कि यह घटना एक गंभीर संकेत है हमें सजग रहकर सामाजिक एकता को बचाना होगा और हर व्यक्ति को समान अवसर और सम्मान दिलाने की दिशा में दृढ़ता से आगे बढ़ना होगा।
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