फ्रेट विलेज परियोजना से 3000 परिवार होंगे बेघर , सांसद वीरेंद्र सिंह लड़ेंगे इनकी लड़ाई

फ्रेट विलेज परियोजना के विरोध में सांसद का बयान
बिना पुनर्वास योजना बनाए किया जा रहा है अधिग्रहण
अधिग्रहण का मुआवजा भी मनमाने ढंग से देने का आरोप
चंदौली संसदीय क्षेत्र के सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा कि राल्हूपुर में फ्रेट विलेज की स्थापना से तीन हजार परिवार बेघर हो जाएंगे। वह रविवार को राल्हूपुर में मल्टी मॉडल टर्मिनल के पास बौद्ध विहार में पत्रकारों से बातचीत के दौरान चिंतित नजर आए और कहा कि जब भी वह वाराणसी जिले की समस्या या चंदौली-बनारसे से जुड़े किसी मुद्दे पर बोेलते हैं, तो उनका समय कम कर दिया जाता है या फिर बोलने ही नहीं दिया जाता है। जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि सरकार लोगों की समस्याओं पर कितनी गंभीर है।

सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा कि फ्रेट विलेज के लिए रामनगर और चंदौली के किसानों की करीब 50 एकड़ भूमि अधिग्रहित करने का हर स्तर पर विरोध होगा। इसके लिए मैं सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ने को तैयार हूं। उन्होंने कहा कि बिना पुनर्वास की व्यवस्था किए इस अधिग्रहण से तीन हजार परिवार प्रभावित हो रहे हैं। कई गांवों में जबरन अधिग्रहण किया जा रहा है। ऐसा किसी कीमत पर नहीं होने दिया जाएगा।

सांसद वीरेंद्र सिंह ने इस दौरान दीपक साहनी नामक व्यक्ति ने बुलाकर बताया कि इनकी जमीन जबरदस्ती ली जा रही है। मुआवजा भी ठीक से नहीं दिया जा रहा है। कुछ जगहों पर आठ लाख जबकि मिल्कीपुर में मुआवजे की दर 2.70 हजार हैं। विस्थापन के लिए कोई उचित योजना नहीं बनाई गई है। उन्होंने यह भी कहा कि भगवान बुद्ध इसी रास्ते सारनाथ गए थे। बावजूद यहां दुर्दशा बनी है। सरकार तमाम तरह के दावे तो करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा कि फ्रेट विलेज की समस्या को भी लोकसभा में उठा चुके हैं और इस मामले को लेकर संबंधित लोगों से मिलेगे और पीड़ित लोगों की हर संभव मदद करने की कोशिश करेंगे।
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